UPI ट्रांजेक्शन में PhonePe और GPay का दबदबा, क्रेडिट कार्ड का यूज हुआ डबल, डेबिट कार्ड में गिरावट - UPI transactions - UPI TRANSACTIONS
UPI transactions- यूपीआई लेनदेन में सालाना आधार पर 57 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जबकि डेबिट कार्ड से लेन-देन में साल-दर-साल 43 फीसदी की गिरावट आई है. यूपीआई ट्रांजेक्शन में फोनपे और गूगल पे का दबदबा रहा. पढ़ें पूरी खबर...
UPI ट्रांजेक्शन में PhonePe और GPay का दबदबा (Getty Images)
नई दिल्ली:यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के लेन-देन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो वित्त वर्ष 24 में सालाना आधार पर 57 फीसदी की बढ़ोतरी दिखाता है. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) बैंकिंग सेक्टर राउंडअप- FY24 के अनुसार, इस सेगमेंट में फोनपे और गूगल पे का दबदबा रहा, जिनकी संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 86 फीसदी रही.
डिजिटल भुगतान में बदलाव देखा गया, पिछले तीन सालों में क्रेडिट कार्ड से लेन-देन दोगुना हो गया. इसके विपरीत, डेबिट कार्ड से लेन-देन में साल-दर-साल 43 फीसदी की गिरावट आई. कुल मिलाकर भारतीय बैंकिंग सिस्टम ने लोन बढ़ोतरी में मजबूत गति बनाए रखी, जो वित्त वर्ष 24 में 15 फीसदी बढ़ी, जबकि जमा बढ़ोतरी 13 फीसदी रही.
पहली बार, वित्त वर्ष 24 में बैंकिंग क्षेत्र का कुल शुद्ध लाभ 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया, जिसमें सभी बैंक समूहों ने 1 फीसदी से अधिक की संपत्ति पर रिटर्न (आरओए) हासिल किया. यह उच्च लोन बढ़ोतरी, स्वस्थ शुल्क आय बढ़ोतरी और कम लोन लागतों द्वारा संचालित क्षेत्र की प्रॉफिट को दिखाता है. उल्लेखनीय रूप से, निजी बैंकों के मुनाफे में साल-दर-साल (YoY) 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के नेट प्रॉफिट में 34 फीसदी की वृद्धि देखी गई.
रिपोर्ट में एसेट गुणवत्ता में सुधार पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें सकल गैर-निष्पादित एटेस (जीएनपीए) दशक के सबसे निचले स्तर 2.8 फीसदी पर पहुंच गई हैं. यह सुधार एक स्वस्थ प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) द्वारा समर्थित है, जो दिखाता है कि बैंक एसेट-साइड जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं. पीएसबी ने अपने जीएनपीए को आधा करके 3.5 फीसदी कर दिया, जबकि निजी बैंकों ने उद्योग औसत से नीचे 1.7 फीसदी जीएनपीए की सूचना दी.