मुद्रा लोन पर मोदी सरकार मेहरबान, शर्तों के साथ बढ़ाई सीमा, लिमिट बढ़कर हुई ₹20 लाख - BUDGET 2024 - BUDGET 2024
Budget 2024- निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश की. सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों ने पहले भी लोन लिया है और उसका भुगतान कर दिया है, उनके लिए मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये की जाएगी. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला और संसद के मानसून सत्र के दौरान अपना लगातार सातवां केंद्रीय बजट पेश की. निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों ने पहले लोन लिया है और उसका भुगतान कर दिया है, उनके लिए मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी जाएगी.
मुद्रा या माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी, उद्यमियों के लिए सरकारी लोन योजना का एक चैनल है जिसके तहत लोन दिया जाता है. इसके तहत अब तक तीन श्रेणियां हैं- शिशु (50,000 रुपये तक का लोन), किशोर (50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का लोन) और तरुण (5-10 लाख रुपये) दिया जाता है.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) का उद्देश्य नई या मौजूदा सूक्ष्म इकाई/उद्यम को संस्थागत वित्त तक पहुंच देना है.
कब शुरू हुई योजना? प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को आठ साल पहले अप्रैल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त लोन की सुविधा देने के लिए शुरू किया था. यह योजना छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी, और बैंकों को तीन श्रेणियों - शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 रुपये से 5 लाख रुपये के बीच) और तरुण (10 लाख रुपये) के तहत 10 लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त लोन देने के लिए कहा गया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि योजना के शुभारंभ के बाद से, 24 मार्च, 2023 तक, 40.82 करोड़ लोन खातों में लगभग 23.2 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. इसमें से करीब 70 फीसदी महिला उद्यमियों के हैं जबकि 51 फीसदी एससी/एसटी, ओबीसी श्रेणियों के हैं.