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जानें बजट में क्या है फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर सब्सिडी - बजट में सब्सिडी

Union Budget 2024- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट पेश करेंगी. जानें इस बार के बजट में क्या होगा सब्सिडी पर फैसला. पढ़ें कृष्णानंद की रिपोर्ट. पढ़ें पूरी खबर...

Union Budget 2024 (File Photo)
केंद्रीय बजट 2024 (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2024, 2:52 PM IST

Updated : Jan 21, 2024, 2:56 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. वित्त मंत्री 1 अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार के वित्त-अनुमानित राजस्व प्राप्तियों और खर्च का एक व्यापक विवरण प्रस्तुत करेंगी. इन विवरणों में समाज के जरूरतमंद वर्गों को दी जाने वाली राहत या वित्तीय सहायता पर खर्च किए जाने वाले प्रस्तावित पैसों के बारे में भी शामिल होगा. इसे सब्सिडी के रूप में जाना जाता है.

सब्सिडी में ये है शामिल
केंद्र सरकार समाज के जरूरतमंद वर्गों को तीन बड़ी राहत देती है. इसमें भोजन, ईंधन और फर्टिलाइजर के लिए वित्तीय सहायता हैं. इन तीन प्रमुख वित्तीय सहायताओं के अलावा, केंद्र सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा और पात्र किसानों को पैसे सीधे ट्रांसफर कर वित्तीय सहायता देती है. पिछले कुछ वर्षों में, पेट्रोलियम उत्पादों पर केंद्र के सब्सिडी बिल में काफी गिरावट आई है और चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान 2,500 करोड़ रुपये से कम था.

फर्टिलाइजर पर दी जाने वाली सब्सिडी
दूसरी ओर, पिछले पांच वर्षों के दौरान भोजन और ईंधन पर केंद्र का सब्सिडी बिल काफी बढ़ गया है. उदाहरण के लिए, वित्तीय वर्ष 2021-22 में फर्टिलाइजर पर सब्सिडी लगभग 1.54 लाख करोड़ थी, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष में 46 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई. पिछले वित्तीय वर्ष में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट अनुमान में फर्टिलाइजर पर सब्सिडी बिल 1.05 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक आंका गया था, लेकिन संशोधित अनुमान (आरई) में यह 2.25 लाख करोड़ से अधिक हो गया, जो कि बजट अनुमान (बीई) से 114 फीसदी अधिक है.

फर्टिलाइजर सब्सिडी से संबंधित बजट अनुमानों और संशोधित अनुमानों के बीच प्रमुख अंतर की व्याख्या करते हुए, वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह स्वदेशी यूरिया के भुगतान और यूरिया के आयात के लिए उर्वरक (यूरिया) सब्सिडी के तहत उच्च आवश्यकताओं के कारण था. चालू वित्त वर्ष के लिए, सीतारमण ने फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 1.75 लाख करोड़ से अधिक का आवंटन किया था, लेकिन संशोधित बजट अनुमान, जो अगले महीने की शुरुआत में पेश किया जाएगा, इस साल फर्टिलाइजर सब्सिडी पर खर्च किए गए धन की स्पष्ट तस्वीर देगा.

फूड सब्सिडी के बारे में
इसी तरह, केंद्र हर साल फूड सब्सिडी पर अच्छी खासी रकम खर्च करता है. कोविड महामारी वर्ष के दौरान समाज के जरूरतमंद वर्गों को बढ़ते समर्थन के कारण वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्र का खाद्य सब्सिडी बिल रिकॉर्ड 2.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. पिछले वित्तीय वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) के लिए, बजट अनुमानों में खाद्य सब्सिडी बिल लगभग 2.07 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, लेकिन संशोधित अनुमानों से पता चला कि यह दूसरे कोविड वर्ष के सब्सिडी बिल को 2.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक तक छू गया.

चालू वित्तीय वर्ष के लिए, वित्त मंत्री के बजट अनुमानों से पता चलता है कि फूड सब्सिडी बिल 2 लाख करोड़ रुपये से कम हो जाएगा, खाद्य सब्सिडी बिल में लगभग एक तिहाई की गिरावट होगी. हालांकि, 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले संशोधित अनुमान में प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के विस्तार से इसे फिर से 2 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने की उम्मीद है.

नियमित भोजन, ईंधन और फर्टिलाइजर सब्सिडी के अलावा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पात्र किसानों को 6,000 रुपये का सीधा ट्रांसफर शुरू किया. इस योजना की घोषणा पिछले आम चुनाव से ठीक पहले वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में की गई थी. केंद्र हर साल पीएम-किसान योजना पर औसतन 60,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करता है.

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Last Updated : Jan 21, 2024, 2:56 PM IST

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