सरकार ने तंबाकू प्रोडक्ट के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन किया अनिवार्य - Tobacco registered with GST
Tobacco registered with GST authorities- तंबाकू उत्पादों पर नजर रखने के लिए सरकार ने पैकिंग मशीनरी को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य कर दिया है. अगर पैकिंग मशीनें जीएसटी अधिकारियों के साथ रजिस्टर्ड नहीं हैं, तो तंबाकू उत्पाद निर्माताओं को 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली:तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं को एक अप्रैल से जीएसटी अधिकारियों के साथ अपनी पैकिंग मशीनरी को रजिस्टर्ड कराने में विफल रहने पर जुर्माना देना होगा. जुर्माना एक लाख रुपये तक देना पड़ सकता है. इसमें पान मसाला, गुटका और कई तरह के तंबाकू प्रोडक्ट शामिल है. इस कदम का उद्देश्य तंबाकू मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में रेवेन्यू लिकेज को रोकना है
फाइनेंस बिल, 2024 ने केंद्रीय जीएसटी अधिनियम में संशोधन पेश किया, जहां रजिस्टर्ड नहीं होने वाली प्रत्येक मशीन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा, ऐसी गैर-अनुपालन मशीनरी को कुछ मामलों में जब्ती जोखिम का सामना करना पड़ेगा.
जीएसटी परिषद की सिफारिश जीएसटी परिषद की सिफारिश के आधार पर, टैक्स अधिकारियों ने पिछले साल तंबाकू निर्माताओं द्वारा मशीनों के पंजीकरण के लिए एक विशेष प्रक्रिया अधिसूचित की थी. इन मशीनों की पैकिंग क्षमता के साथ मौजूदा पैकिंग मशीनों, नई स्थापित मशीनों का विवरण फॉर्म जीएसटी एसआरएम-आई में प्रस्तुत करना होगा. हालांकि, इसके लिए कोई दंड अधिसूचित नहीं किया गया था.
पहले कोई दंड का प्रावधान नहीं था राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद ने पिछली बैठक में निर्णय लिया था कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के उत्पादों के लिए उनकी मशीनों का पंजीकरण होना चाहिए ताकि हम उनकी उत्पादन क्षमता पर नजर रख सकें. मल्होत्रा ने मीडिया को बताया कि इससे पहले पंजीकरण में विफल रहने पर कोई दंड नहीं था. इसलिए परिषद ने फैसला किया था कि कुछ दंड होना चाहिए. यही कारण है कि फाइनेंस बिल में मशीनों का पंजीकरण नहीं कराने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा.
साल 2023 में फाइनेंस बिल आया पिछले साल फरवरी में, केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता और राज्यों के समकक्षों वाली जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी रोकने पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी. जीओएम (मंत्रियों के समूह) ने सिफारिश की थी कि राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने के लिए पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर मुआवजा उपकर लगाने की व्यवस्था को यथामूल्य से एक विशिष्ट दर-आधारित लेवी में बदल दिया जाए.
इसके बाद, सरकार फाइनेंस बिल, 2023 में संशोधन लेकर आई थी, जिसके अनुसार पान मसाला और तंबाकू के अन्य रूपों पर उनके खुदरा बिक्री मूल्य की उच्चतम दर पर जीएसटी मुआवजा उपकर लगाया जाएगा.