नई दिल्ली:रिस्क से बचने वाले निवेशकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है. इसमें उन्हें अधिक ब्याज भी मिलता है. एफडी सुरक्षा, सुनिश्चित रिटर्न और लचीलापन प्रदान करती है.
ऐसे में लोगों कई लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या वह एक से ज्यादा एफडी अकाउंट खोल सकते हैं. या एक व्यक्ति कितने अकाउंट ओपन कर सकता है, तो इसका जवाब काफी आसान है. दरअसल, FD अकाउंट खोलने की कोई सीमा नहीं है.हालांकि, कई FD को मैनेज करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है.
कई FD क्यों खोलें?
एक से ज्यादा FD रखने से कई फायदे होते हैं. अलग-अलग मैच्योरिटी वाली FD को अलग-अलग समय पर खोलने से नियमित रूप से पैसे मिलते रहते हैं. आप अलग-अलग टारगेट, जैसे कि शिक्षा, यात्रा या इमरजेंसी के लिए पैसे आवंटित कर सकते हैं.
इसके अलावा अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दर देते हैं. कई FD खोलने से आप ज्यादा से ज्यादा रिटर्न पा सकते हैं. याद रहे कि कुछ FD, जैसे कि टैक्स-सेविंग फिक्स डिपोजिट, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती के लिए योग्य होती हैं.
कई FD खोलने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
कई FD खोलने से पहले आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होता है. एफडी अकाउंट ओपन करने से पहले समझें कि आप निवेश क्यों कर रहे हैं. अगर आप छोटी अवधि के लक्ष्य के लिए बचत कर रहे हैं, तो कम अवधि वाली FD चुनें. लंबी अवधि के उद्देश्यों के लिए, लंबी अवधि चुनें.
फाइनेंशियल एक्सप्रेसने बैंकबाज़ार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के हवाले से बताया कि विभिन्न बैंकों की ओर से दी जा रही ब्याज दरें चेक करें, क्योंकि ब्याज दरों में एक छोटा सा अंतर भी आपके रिटर्न को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है, खासकर बड़ी रकम के लिए. अलग-अलग अवधि वाली FD चुनें. यह रणनीति सुनिश्चित करती है कि आपको समय से पहले FD तोड़े बिना जरूरत पड़ने पर लिक्विडिटी मिलती रहे.
FD पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 40,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये) से अधिक है, तो बैंक सोर्स पर टैक्स डिडेकट(TDS) करता है. इस सीमा को अनावश्यक रूप से पार करने से बचने के लिए अपने निवेश की योजना बनाएं.