हैदराबाद: इस हफ्ते ममता मशीनरी, डैम कैपिटल, सेनोरेस फार्मास्यूटिकल्स समेत करीब 10 कंपनियों की तरफ से इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) जारी किए गए हैं. अगर आईपीओ के जरिये निवेश करना चाहते हैं तो आपको आईपीओ अलॉटमेंट के बारे में बेसिक जानकारी जरूर होनी चाहिए कि किसी भी आईपीओ के लिए कब और कैसे अप्लाई करेंगे ताकि आपका एप्लीकेशन रिजेक्ट न हो. इसके लिए निवेश एक्सपर्ट की ओर से कुछ आम टिप्स बताए जाते हैं. जिनको फॉलो करने से आईपीओ अलॉटमेंट की संभावना बढ़ सकती है.
सबसे पहले किसी भी आईपीओ के लिए अप्लाई करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से पड़ताल कर लेनी चाहिए. आमतौर पर आईपीओ दो प्रकार के होते हैं- न्यू इशू और ऑफर फॉर सेल (OFS). न्यू इशू में कंपनी नए शेयर जारी करती है. जबकि ओएफएस के जरिये किसी कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स अपने शेयर बेचते हैं. इसलिए इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि निवेशकों के लिए कौन सा आईपीओ अधिक लाभकारी हो सकता है.
आईपीओ का चयन
जांच-पड़ताल किए बिना अगर आप जल्दबाजी में किसी आईपीओ के लिए अप्लाई करते हैं तो अलॉटमेंट मिलने की कम उम्मीद होती है. सही आईपीओ का चयन करना जरूरी है. ऐसी कंपनी को चुनें, जिसकी ग्रोथ के साथ भविष्य की संभावनाएं बेहतर हों. एक निवेशक को कंपनी के व्यवसाय मॉडल और फाइनेंशियल स्टेटमेंट की भी पड़ताल करनी चाहिए.
अप्लाई करने का सही तरीका
अगर आपके पास डीमैट अकाउंट है तभी आप आईपीओ के लिए आवेदन कर सकते हैं. आमतौर ऐसा कहा जाता है कि इंटरनेट बैंकिंग के जरिये आवेदन करने से आईपीओ अलॉटमेंट के चांस बढ़ जाते हैं. नेट बैंकिंग से आप सीधे अपने बैंक खाते से आईपीओ के लिए अप्लाई कर सकते हैं.