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बिहार के इस शहर में बनते हैं रशियन आर्मी के दमदार सेफ्टी शूज, यूरोप में भी इनके स्टाइल का जलवा, बड़े-बड़े ब्रांड भी पिछड़े - Russian Army safety shoes

हाजीपुर स्थित कम्पीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड रूसी सेना के लिए सुरक्षा जूते और यूरोपीय बाजारों के लिए फैशन जूते का उत्पादन करके अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बना रही है. हाजीपुर की एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Competence Exports Private Limited), रूसी सेना के लिए जूते बना रही है.जहां अंतराराष्ट्रीय बाजार में जगह बनाना इस कंपनी के लिए एक बड़ी कामयाबी है.

बिहार के जूते रशियन आर्मी की पहली पसंद
बिहार के जूते रशियन आर्मी की पहली पसंद (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 8, 2024, 8:42 PM IST

Updated : Jul 9, 2024, 1:19 PM IST

वैशाली : हम रूस से हथियार और गोला बारूद की खरीद करते हैं लेकिन रूसी सेना भी बदले में भारत से बहुत से जरूरी सामान आयात करती है. उसमें से एक है अपनी आर्मी के लिए हाजीपुर के जूते. जी हां, बिहार के जूते रशियन आर्मी की पहली पसंद है. फिर चाहे जंग का मैदान हो या फिर बर्फीली जमीन, हाजीपुर के खास बने जूतों पर रूसी आर्मी को भरोसा है. हड्डियां जमा देने वाली ठंड में भी ये रूसी सेना के पैरों की बखूबी हिफाजत करते हैं. यह कंपनी हाजीपुर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है.

हाजीपुर की इसी कंपनी में बनते हैं रशियन आर्मी के जूते (ETV Bharat)

हाजीपुर में बनते हैं रशियन आर्मी के सेफ्टी शू: कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक शिव कुमार रॉय कहते हैं, हमने 2018 में हाजीपुर में अपनी सुविधा शुरू की थी और हमारा मुख्य उद्देश्य स्थानीय रोजगार पैदा करना है. हाजीपुर में हम सुरक्षा जूते बनाते हैं, जिन्हें रूस को निर्यात किया जाना है. कुल निर्यात रूस के लिए है और हम धीरे-धीरे यूरोपीय बाजार की ओर बढ़ रहे हैं और जल्द ही घरेलू बाजार में भी लॉन्च करेंगे.

रूसी सेना के लिए डिजाइनर जूते (ETV Bharat)

''रूसी सेना की ज़रूरतें हल्के, फिसलन-रोधी जूते हैं, जो -40 डिग्री सेल्सियस जैसी चरम मौसम स्थितियों का सामना करने में सक्षम होने चाहिए. उस स्थिति को देखते हुए हम सुरक्षा जूते बनाते हैं. सिर्फ़ हाजीपुर में ही नहीं, हम रूस के लिए भारत के सबसे बड़े निर्यातक हैं और हमें उम्मीद है कि यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी.'' -शिव कुमार रॉय, महाप्रबंधक

रूसी सेना के लिए सुरक्षा जूते (Etv Bharat)

करोड़ों का होता है निर्यात: शिव कुमार रॉय बताते हैं कि, हम महिलाओं को अधिकतम रोजगार देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और 300 कर्मचारियों में से 70% महिलाएं हैं. हमने पिछले साल 1.5 मिलियन जोड़े निर्यात किए, जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है और अगले साल 50 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ विस्तार करने की उम्मीद है.

कंपनी में 300 कर्मचारियों में से 70 प्रतिशत महिलाएं (ETV Bharat)

यूरोप में फैशनेबल जूतों का जलवा : कॉम्पिटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के फैशन डेवलपमेंट और मार्केटिंग प्रमुख मजहर पल्लुमैया कहते हैं, बाजार में हमारी मुख्य ताकत फ्रांस, इटली, स्पेन और यूके हैं. हमारा लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों के लिए उच्च-स्तरीय जूते विकसित करना है. हमने हाल ही में बेल्जियम की एक कंपनी के साथ बातचीत शुरू की है. शुरू में, विदेशी कंपनियों को कुछ संदेह थे, लेकिन जब उन्हें नमूना मिला तो वे आश्वस्त हो गए.

रुसी आर्मी के लिए तैयार होते सेफ्टी शू (ETV Bharat)

''हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले महीने कुछ कंपनियां फ़ैक्टरी का दौरा करेंगी. बिहार और ख़ास तौर पर हाजीपुर में फ़ैशन उद्योग शुरू करना एक चुनौती है लेकिन प्रमोटर की दूरदर्शिता और सरकारी समर्थन ने हमें इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए आश्वस्त किया है." -मजहर पल्लुमैया, फैशन डेवलपमेंट और मार्केटिंग प्रमुख

यूरोप के लिए स्टाइलिश शू बनाते वर्कर (ETV Bharat)

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Last Updated : Jul 9, 2024, 1:19 PM IST

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