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एक कमरे में 10 साल से मशरूम की खेती कर रही हैं सीमा, बिहार सरकार की मदद से बनीं आत्मनिर्भर

Mushroom Cultivation In Bettiah: बेतिया में मशरूम की खेती कर सीमा आत्मनिर्भर बन गईं. पिछले 10 साल से एक कमरे में मशरूम तैयार कर आज लाखों रुपए कमाती हैं. पढ़ें पूरी खबर.

बेतिया में मशरूम की खेती
बेतिया में मशरूम की खेती
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 30, 2024, 6:36 AM IST

मशरूम की खेती कर लाखों रुपए कमा रही है बेतिया की सीमा

बेतियाः आत्मनिर्भर बनना है तो इस महिला किसान से सीखिए कि कैसे एक कमरे से लाख रुपए कमा रही हैं. बिहार के बेतिया की रहने वाली सीमा पिछले 10 साल से एक कमरे में मशरूम की खेती कर रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं. बिहार सरकार की ओर से 20 लाख रुपए का लोन भी मिल चुका है.

एक कमरे से लाखों की कमाईः सीमा देवी मूल रूप से पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया नगर बसवरिया की रहने वाली है. बिना खेत खेती कर लाखों की कमाई कर रही है. घर में ही एक कमरे में मशरूम की खेती कर रही है. सीमा बताती हैं कि मार्केट में मशरूम की डिमांड इतनी है कि उसे पूरा नहीं कर पाती है. बताया कि उनको सरकार के द्वारा ऋण भी दिया गया ताकि इसे आगे बढ़ा सके.

"सरकार भी सहयोग कर रही है. इसे और आगे बढ़ना चाहती हूं. एक यूनिट की जगह पर पांच और यूनिट खोलना चाहती हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा मशरूम का उत्पादन कर सके. बेतिया में डिमांड के हिसाब से मशरूम नहीं दे पाती. इसके लिए मैं और यूनिट बढ़ाऊंगी ताकि मशरूम की खपत ज्यादा हो और ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके." -सीमा देवी

बेतिया में मशरूम की खेती करने वाली सीमा
बेतिया में मशरूम की खेती करने वाली सीमा

मशरूम से दोगुना कमाईः सीमा बताती हैं कि मशरूम से दोगुना कमाई होती है. मशरूम तैयार करने के बारे में बताया कि इसके लिए कंपोस्ट तैयार किया जाता है. भूसा को गलाकर उसमें यूरिया सहित कई खाद मिलाया जाता है. कंपोस्ट तैयार होने के बाद मशरूम का बीज डाल दिया जाता है. 35 दिनों के बाद मशरूम निकलना शुरू हो जाता है. करीब ढाई से तीन महीने में मशरूम तैयार हो जाता है.

एक पैकेट से दो किलो मशरूमः जिस कंपोस्ट में मशरूम निकलता है, वह 72 दिनों तक ही काम करता है. उसके बाद फिर उस कंपोस्ट को बदल दिया जाता और फिर से दूसरे कंपोस्ट में मशरूम का बीज डाला जाता है. सीमा देवी ने बताया कि एक कंपोस्ट का पैकेट 10 किलो का होता है. एक पैकेट से 2 किलो मशरूम तैयार होता है.

150 से 200 रुपए प्रति किलो बिक्रीः रूम की कैपीसिटी 40/17 होती है. कमरे में 5.0 टन की एसी लगाई गई है. इसका टेंपरेचर 16 डिग्री होता है. एक पैकेट मशरूम तैयार करने में करीब 150 रुपए की लागत आती है. इसमें दो किलो मशरूम तैयार होता है और यह मशरूम बाजार में 300 रुपये का बेचा जाता है. ऐसे में मशरूम की खेती करने से आमदनी दोगुनी होती है.

बेतिया में मशरूम की खेती
बेतिया में मशरूम की खेती

10 साल से उगा रही मशरूमः सीमा देवी ने बताया कि अभी 200 बैग में मशरूम लगाया है. पिछले 10 वर्षों से यह कर रही है. मशरूम की खेती पूरे साल की जाती है. ठंड के मौसम में इसका उत्पादन बढ़ जाता है, क्योंकि मशरूम तैयार करने के लिए ठंड की जरूरत पड़ती है. इसलिए जिस रूम में मशरूम तैयार किया जाता है उस रूम में एसी लगाना जरूरी होता है.

सरकार से मिला 20 लाख लोनः सीमा देवी ने इंटर तक पढ़ाई की है. उन्होंने बताया कि उन्होंने मशरूम की खेती के लिए पूसा में प्रशिक्षण भी लिया है. प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने एक कमरे में खेती करने की सोची. इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से भी सहयोग मिला. उन्होंने बैंक से 20 लाख का लोन लिया. जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिली है.

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एक कमरे से लाखों की कमाईः सीमा देवी मूल रूप से पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया नगर बसवरिया की रहने वाली है. बिना खेत खेती कर लाखों की कमाई कर रही है. घर में ही एक कमरे में मशरूम की खेती कर रही है. सीमा बताती हैं कि मार्केट में मशरूम की डिमांड इतनी है कि उसे पूरा नहीं कर पाती है. बताया कि उनको सरकार के द्वारा ऋण भी दिया गया ताकि इसे आगे बढ़ा सके.

"सरकार भी सहयोग कर रही है. इसे और आगे बढ़ना चाहती हूं. एक यूनिट की जगह पर पांच और यूनिट खोलना चाहती हूं ताकि ज्यादा से ज्यादा मशरूम का उत्पादन कर सके. बेतिया में डिमांड के हिसाब से मशरूम नहीं दे पाती. इसके लिए मैं और यूनिट बढ़ाऊंगी ताकि मशरूम की खपत ज्यादा हो और ज्यादा से ज्यादा आमदनी हो सके." -सीमा देवी

बेतिया में मशरूम की खेती करने वाली सीमा
बेतिया में मशरूम की खेती करने वाली सीमा

मशरूम से दोगुना कमाईः सीमा बताती हैं कि मशरूम से दोगुना कमाई होती है. मशरूम तैयार करने के बारे में बताया कि इसके लिए कंपोस्ट तैयार किया जाता है. भूसा को गलाकर उसमें यूरिया सहित कई खाद मिलाया जाता है. कंपोस्ट तैयार होने के बाद मशरूम का बीज डाल दिया जाता है. 35 दिनों के बाद मशरूम निकलना शुरू हो जाता है. करीब ढाई से तीन महीने में मशरूम तैयार हो जाता है.

एक पैकेट से दो किलो मशरूमः जिस कंपोस्ट में मशरूम निकलता है, वह 72 दिनों तक ही काम करता है. उसके बाद फिर उस कंपोस्ट को बदल दिया जाता और फिर से दूसरे कंपोस्ट में मशरूम का बीज डाला जाता है. सीमा देवी ने बताया कि एक कंपोस्ट का पैकेट 10 किलो का होता है. एक पैकेट से 2 किलो मशरूम तैयार होता है.

150 से 200 रुपए प्रति किलो बिक्रीः रूम की कैपीसिटी 40/17 होती है. कमरे में 5.0 टन की एसी लगाई गई है. इसका टेंपरेचर 16 डिग्री होता है. एक पैकेट मशरूम तैयार करने में करीब 150 रुपए की लागत आती है. इसमें दो किलो मशरूम तैयार होता है और यह मशरूम बाजार में 300 रुपये का बेचा जाता है. ऐसे में मशरूम की खेती करने से आमदनी दोगुनी होती है.

बेतिया में मशरूम की खेती
बेतिया में मशरूम की खेती

10 साल से उगा रही मशरूमः सीमा देवी ने बताया कि अभी 200 बैग में मशरूम लगाया है. पिछले 10 वर्षों से यह कर रही है. मशरूम की खेती पूरे साल की जाती है. ठंड के मौसम में इसका उत्पादन बढ़ जाता है, क्योंकि मशरूम तैयार करने के लिए ठंड की जरूरत पड़ती है. इसलिए जिस रूम में मशरूम तैयार किया जाता है उस रूम में एसी लगाना जरूरी होता है.

सरकार से मिला 20 लाख लोनः सीमा देवी ने इंटर तक पढ़ाई की है. उन्होंने बताया कि उन्होंने मशरूम की खेती के लिए पूसा में प्रशिक्षण भी लिया है. प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने एक कमरे में खेती करने की सोची. इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से भी सहयोग मिला. उन्होंने बैंक से 20 लाख का लोन लिया. जिसमें उन्हें 50 प्रतिशत की सब्सिडी मिली है.

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