नई दिल्ली:रिजर्व बैंक ने केवाईसी न होने पर खाते फ्रीज करने वाले बैंकों को फटकार लगाई है. दरअसल, बैंक उन लोगों के खाते फ्रीज कर रहे हैं, जिनके खाते में सरकार की ओर से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की राशि आती है. इसमें सब्सिडी, पेंशन, किसी विशेष योजना का पैसा आदि शामिल है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने इन बैंकों को केवाईसी अपडेट में देरी करने का भी दोषी पाया है. इस वजह से भी कई लोगों के खाते फ्रीज किए गए हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, निजी क्षेत्र के बैंकों के निदेशकों को संबोधित करते हुए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने कहा कि बैंकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केवाईसी दिशा-निर्देशों का सटीकता और सहानुभूति दोनों के साथ पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने पहले भी बैंकों को निर्देश दिए थे. इनमें कहा गया था कि बैंक उन खातों को फ्रीज न करें, जिनमें सरकारी योजनाओं का पैसा केवाईसी न होने के कारण ट्रांसफर होता है.
कई तरह की समस्याएं सामने आईं. स्वामीनाथन ने कहा कि रिजर्व बैंक को ग्राहकों से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में पता चला है. इनमें मुख्य हैं-
समय-समय पर ग्राहकों की केवाईसी अपडेट करने में बैंक स्तर पर बहुत अधिक देरी.
ग्राहकों की सहायता करने और आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने में सक्रिय दृष्टिकोण का अभाव.
कई महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त कर्मचारी नहीं होना. इस कारण ग्राहक को कोई भी काम करने से मना करना.
हर काम के लिए ग्राहक को होम ब्रांच भेजना.
ग्राहक से सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के बाद भी सिस्टम में जानकारी अपडेट करने में देरी.
ग्राहकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है.
स्वामीनाथन ने कहा कि जिस तरह से दिशा-निर्देशों को लागू किया जा रहा है, उसके कारण कई खाते फ्रीज हो रहे हैं. इसके कारण ग्राहकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है. उन्होंने कहा कि बोर्ड को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंकों की सेवा में कोई कमी न हो. खासकर वरिष्ठ नागरिकों आदि के लिए.