हैदराबाद: व्यक्तियों, कंपनियों और अन्य टैक्सपेयर्स को सरकार को अपनी इनकम और इन इनकम पर चुकाए गए टैक्स के बारे में सूचित करने के लिए हर फिनिशियल ईयर में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना होता है. वहीं, टैक्सपेयर्स को जुर्माना भरने से बचने और कुछ इनकम टैक्स लाभों को खोने से बचने के लिए समय सीमा के भीतर अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है, आईटीआर दाखिल करने की लास्ट डेट या निर्धारित तारीख टैक्सपेयर्स की कैटेगरी के आधार पर अलग-अलग होती है.
उदाहरण के लिए, सैलरीड पर्सन और अन्य टैक्सपेयर्स जिनके खातों का ऑडिट होना आवश्यक नहीं है, उन्हें 31 जुलाई तक आईटीआर दाखिल करना होगा. इसी तरह, जिन टैक्सपेयर्स के अकाउंट का ऑडिट होना बाकी है (लेकिन ट्रांसफर प्राइसिंग लागू नहीं है) उन्हें 31 अक्टूबर तक अपना आईटीआर दाखिल करना होगा. बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 (एवाई 2024 -25) के लिए इनकम रिटर्न ई-फाइलिंग 1 अप्रैल 2024 से शुरू हो गई है.
वर्तमान में कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2023-24 (एवाई 2024-25) के लिए आईटीआर दाखिल कर रहा है. इसके लिए निर्धारित तारीख 31 जुलाई, 31 अक्टूबर, और 30 नवंबर 2024 (करदाता की श्रेणी के आधार पर) हो सकती है. एक बार यह तारीख छूट जाने पर, कोई व्यक्ति वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक विलंबित आईटीआर दाखिल कर सकता है. जो लोग गलतियों को सुधारना चाहते हैं, वे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 31 दिसंबर, 2024 तक संशोधित आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
यदि करदाता मूल, विलंबित या संशोधित आईटीआर दाखिल करने से चूक गया है, तो निर्दिष्ट मामलों में वित्त वर्ष 2023-24 (एवाई 2024-25) के लिए अद्यतन रिटर्न 1 अप्रैल, 2025 से 31 मार्च, 2027 के बीच दाखिल किया जा सकता है.
देर ना करें, वरना भरना होगा जुर्माना
इनकम रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा चूकने का सबसे बड़ा परिणाम जुर्माना लगना है. देरी से दाखिल करने पर जुर्माना या फीस चुकाने के अलावा, टैक्सपेयर्स को आईटीआर देर से दाखिल करने पर अन्य टैक्स लाभ भी नहीं मिलेंगे. खास तौर से, ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख ही ओरिजिनल ITR दाखिल करने की निर्धारित समय सीमा है. जबकि ITR निर्धारित तारीख और अंतिम तिथि के बाद भी दाखिल किया जा सकता है, लेकिन इससे टैक्सपेयर्स पर जुर्माना के साथ-साथ कई विभिन्न परिणाम लग सकते हैं. निर्धारित तारीख के बाद दाखिल किया गया ITR या तो लेट या अपडेट किया गया ITR हो सकता है.
अगर आप आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि से चूक जाते हैं तो क्या होगा?
- इंटरेस्ट:यदि आप समय सीमा के बाद अपना रिटर्न जमा करते हैं, तो आपको धारा 234 ए के अनुसार अवैतनिक कर राशि पर 1 फीसदी प्रति माह या आंशिक माह की दर से ब्याज देना होगा.
- लेट चार्ज: देरी से फाइल करने की स्थिति में, धारा 234एफ के तहत 5,000 रुपये का विलंब शुल्क लगाया जाता है, जो कि यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो 1,000 रुपये तक कम हो जाएगा.
- लौस एडजस्टमेंट: यदि आपको शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, प्रॉपर्टी या आपके किसी व्यवसाय जैसे स्रोतों से नुकसान हुआ है, तो आपके पास उन्हें आगे ले जाने और अगले वर्ष में अपनी आय के साथ उन्हें ऑफसेट करने का विकल्प है. यह प्रावधान भविष्य के वर्षों में आपकी कर देयता को काफी हद तक कम कर देता है. हालांकि, यदि आप समय सीमा से पहले अपना ITR दाखिल करना भूल जाते हैं, तो आपको इन नुकसानों को आगे ले जाने की अनुमति नहीं होगी.
- लेट रिटर्न: यदि आप ITR दाखिल करने की नियत तिथि से चूक जाते हैं, तो आप नियत तिथि के बाद रिटर्न दाखिल कर सकते हैं, जिसे विलंबित रिटर्न कहा जाता है. हालांकि, आपको अभी भी लेट शुल्क और इंटरेस्ट शुल्क का भुगतान करना होगा, और आपको भविष्य के समायोजन के लिए किसी भी नुकसान को आगे ले जाने की अनुमति नहीं होगी. विलंबित रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि आकलन वर्ष की 31 दिसंबर है (जब तक कि सरकार द्वारा इसे आगे न बढ़ाया जाए). इसलिए, इस वर्ष के लिए, आप विलंबित रिटर्न 31 दिसंबर 2024 तक जमा कर सकते हैं.
- अपडेटेड रिटर्न:फिर भी, यदि आप अपरिहार्य कारणों से 31 दिसंबर की समयसीमा से चूक जाते हैं, तो भी आप उसमें निर्दिष्ट शर्तों के अधीन अपडेटेड (आईटीआर यू) रिटर्न दाखिल कर सकते हैं.
NOTE: ITR दाखिल करने की लास्ट डेट 31 जुलाई है. कई करदाताओं ने आइटीआर दाखिल करना भी शुरू कर दिया है. हालांकि टैक्स एक्सपर्ट नौकरीपेशा लोगों को 15 जून के बाद ही ITR दाखिल करने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी फॉर्म 16 जारी नहीं किया है. साथ ही पूरी तरह अपडेटेड फॉर्म 26एएस भी 15 दिन के बाद ही जारी होने की संभावना है. तो बिना फॉर्म 16 के आइटीआर फाइल करने पर आंकड़ों में गड़बड़ी होने की उम्मीद रहती है, जिससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज सकता है.
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