नई दिल्ली:क्या आप जानते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न और टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) में क्या अंतर है? इस बात को लेकर कई लोग सोचते रहते हैं. इसलिए आज हम इस खबर के माध्यम से आपको इन दोनों के बारे में बताएंगे. दरअसल इनकम टैक्स और टीडीएस टैक्सेशन सिस्टम के दो महत्वपूर्ण कारण हैं जो रेवेन्यू कलेक्शन और अनुपालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन दोनों अलग-अलग सिस्टम के तहत काम करते हैं.
टैक्स सिस्टम को बेहतर ढंग से समझने के लिए इनकम टैक्स और टीडीएस के बीच के अंतर को समझना जरूरी है. यहां हम आपको इन दोनों के बीच के अंतर के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.
इनकम टैक्स- पर्सनल टैक्सेशन
पर्सनल टैक्सेशनवित्त का एक बहुत ही सामान्य शब्द है, और यह एक डायरेक्ट टैक्स है जिसे सरकार किसी व्यक्ति की आय पर लगाती है. यह टैक्स इनकम के अलग-अलग सोर्स पर लगाया जाता है. इसमें सैलरी, बिजनेस प्रॉफिट, कैपिटल प्रॉफिट और कमाई के अन्य साधन शामिल हैं. अपनी आय (आयकर कैलकुलेटर) की गणना करना और उसके अनुसार कर का भुगतान करना टैक्सेशनकी एकमात्र जिम्मेदारी है. इसे सरकार द्वारा बनाए गए कर स्लैब और नियमों का पालन करना होता है.
टीडीएस- सोर्स पर टैक्स कटौती
वहीं, सोर्स पर टैक्स कटौती (टीडीएस) एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा सरकार सीधे आय स्रोत से कर एकत्र करती है. यह कर कटौती का एक रूप है जिसमें किसी व्यक्ति या संगठन को वेतन, ब्याज, किराया या परामर्श शुल्क का भुगतान करने से पहले कर के रूप में एक निश्चित राशि काट ली जाती है. इसे तुरंत सरकार को भेज दिया जाता है. टीडीएस सरकार के लिए कर एकत्र करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है और कर चोरी को रोकने में भी मदद करता है.