नई दिल्ली :अंतरिम बजट 2024-25 गुरुवार को पेश किया गया. इस बजट के जरिेए 2070 तक शुद्ध जीरो टारगेट को पूरा करने के लिए के एक स्वच्छ और हरित भारत की रुपरेखा तैयार की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए देश के सतत विकास के लिए कई उपायों की घोषणा की. इसमें पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण, कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता की स्थापना के अलावा सीएनजी, पीएनजी और संपीड़ित बायोगैस के चरणबद्ध अनिवार्य सम्मिश्रण शामिल हैं.
साथ ही व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का उद्देश्य उन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्थन करना है जो आर्थिक रूप से उचित हैं लेकिन वित्तीय व्यवहार्यता से थोड़ी कम हैं. इस योजना के तहत सहायता केवल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उपलब्ध है जहां निजी क्षेत्र के प्रायोजकों को प्रतिस्पर्धी बोली की प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाता है.
कैपिटल ए के संस्थापक और प्रमुख निवेशक अंकित केडिया ने कहा कि तट-पवन ऊर्जा के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण का प्रावधान रणनीतिक रूप से इस क्षेत्र में स्टार्टअप और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है. इससे पहले, केंद्रीय बजट 2023-24 में वित्त मंत्री ने स्वस्थ पर्यावरण के लिए सात प्राथमिकताओं 'सप्तऋषि' के हिस्से के रूप में हरित विकास की पहचान की थी. अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री ने पहल को आगे बढ़ाया है और योजनाएं लेकर आई हैं ताकि ऐसे समय में स्थिरता को गति मिल सके जब ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन विश्व अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
वहीं पाहवा समूह के अध्यक्ष और ब्राई-एयर के प्रबंध निदेशक दीपक पाहवा ने कहा कि अपतटीय पवन ऊर्जा के दोहन पर रणनीतिक ध्यान नवीकरणीय स्रोतों की ओर एक अभियान को दर्शाता है, जिससे घटते प्राकृतिक संसाधनों पर बोझ कम हो जाता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश एक स्थायी भविष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, हरित ऊर्जा पर घोषणा से सभी क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में तेजी आने की उम्मीद है. इससे देश के कार्बन पदचिह्न को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान मिस सकेगा.