बदलने वाली है भारतीय रेलवे की किस्मत, जानें पहले किन देशों ने अपनाया ये ट्रिक - High speed trains
Indian Railways- पहली बार भारतीय रेलवे का लक्ष्य 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली रेलगाड़ियां विकसित करने का है. बता दें कि इससे पहले कई देशों में हाई-स्पीड ट्रेन चल रही है. आइए इस खबर के माध्यम से जानते है कि किन देशों में हाई-स्पीड रेलगाड़ियां चल रही है. पढ़ें पूरी खबर...
नई दिल्ली:पहली बार रेल मंत्रालय ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को 250 किलोमीटर प्रति घंटे (kmph) की की दो हाई-स्पीड ट्रेनों का बनाने करने का निर्देश दिया है. स्टील बॉडी से डिजाइन की गई इन हाई-स्पीड ट्रेनों की अधिकतम गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा और चलने की गति 220 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. नई ट्रेनों को वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर विकसित किया जाएगा.
पिछले एक साल से रेलवे राजस्थान में मानक गेज ट्रेनों के लिए एक परीक्षण ट्रैक विकसित कर रहा है. इस ट्रैक का उद्देश्य हाई-स्पीड ट्रेन विकास में रेलवे की क्षमताओं का आकलन करना और वंदे भारत ट्रेनों के निर्यात को सुविधाजनक बनाना है. इन्हें ब्रॉड गेज से मानक गेज में परिवर्तित किया जाएगा, जो विश्व स्तर पर स्वीकृत मानक है.
भारत की सबसे तेज ट्रेन कौन सी है? अभी तक भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसे ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है. यह अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे (112 मील प्रति घंटे) की गति से चलती है. हालांकि सुरक्षा और परिचालन कारणों से इसे आम तौर पर 160 किमी प्रति घंटे (99 मील प्रति घंटे) की गति से चलाया जाता है.
इस खबर के माध्यम से आज जानते है किन देशों में ऐसे हाई-स्पीड ट्रेनें चलती है.
जापान-शिंकानसेन जापान अपने शिंकानसेन के लिए जाना जाता है, जिसे आमतौर पर बुलेट ट्रेन के रूप में जाना जाता है. इसने वैश्विक स्तर पर हाई-स्पीड रेल तकनीक के लिए बेंचमार्क स्थापित किया है. 1964 से परिचालन में, शिंकानसेन ट्रेनें 320 किमी प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकती हैं, जो अपनी समय की पाबंदी, सुरक्षा और उन्नत तकनीक के लिए जानी जाती हैं.
फ्रांस- टीजीवी फ्रांस की टीजीवी (ट्रेन ए ग्रांडे विटेस) ट्रेनें हाई-स्पीड रेल यात्रा में जाना जाता हैं. 300 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलने वाली ये ट्रेनें 1981 में अपनी शुरुआत के बाद से ही तकनीकी कौशल का प्रतीक रही हैं. TGV नेटवर्क फ्रांस और पड़ोसी देशों में भी फैला हुआ है.
जर्मनी-ICE जर्मनी की ICE (इंटरसिटी एक्सप्रेस) ट्रेनें हाई-स्पीड रेल तकनीक का एक बेहतरीन उदाहरण हैं. अपनी इंजीनियरिंगऔर आराम के लिए जानी जाने वाली ये ट्रेनें 300 किमी प्रति घंटे तक की गति तक पहुंच सकती हैं, जो जर्मनी के प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं और पड़ोसी देशों तक जाती हैं.
चीन-CRH380A चीन ने पिछले दो दशकों में अपने हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का तेजी से विस्तार किया है. दुनिया की कुछ सबसे तेज ट्रेनें विकसित की हैं. 380 किमी प्रति घंटे तक की गति से चलने में सक्षम CRH380A ट्रेनें दुनिया के सबसे बड़े हाई-स्पीड रेल नेटवर्क के साथ हाई-स्पीड रेल यात्रा के लिए चीन की प्रतिबद्धता को दिखाती हैं.
स्पेन- स्पेन की AVE (अल्टा वेलोसिडैड एस्पानोला) ट्रेनें हाई-स्पीड यात्रा के लिए डिजाइन की गई हैं. इनमें से कुछ मॉडल 310 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. AVE नेटवर्क प्रमुख स्पेनिश शहरों और पड़ोसी देशों को जोड़ता है, जो तेज और आरामदायक यात्रा विकल्प देती है.
इटली- इटली की फ्रेकियारोसा ट्रेनें हाई-स्पीड रेल तकनीक को उजागर करती हैं, जो 300 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार तक पहुंचने में सक्षम हैं. ये ट्रेनें इटली के भीतर कुशल और शानदार यात्रा विकल्प देती है.
दक्षिण कोरिया-दक्षिण कोरिया की KTX (कोरिया ट्रेन एक्सप्रेस) ट्रेनें देश के हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का एक प्रमुख घटक हैं. 305 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली KTX ट्रेनें दक्षिण कोरिया के प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं. KTX ट्रेनें अपनी विश्वसनीयता, गति और उन्नत तकनीक के लिए जानी जाती हैं.
यूके- यूनाइटेड किंगडम ने यूरोस्टार जैसी सेवाओं के साथ हाई-स्पीड रेल तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जो लंदन को पेरिस और ब्रुसेल्स से 300 किमी प्रति घंटे की गति से जोड़ती है.
रूस- रूस की सैपसन ट्रेनें वर्तमान में 250 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं, भविष्य के मॉडल में इससे भी अधिक गति का लक्ष्य रखा गया है.
ताइवान- ताइवान की हाई स्पीड रेल ट्रेनें 300 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं, जो द्वीप के प्रमुख शहरों को गति और दक्षता के साथ जोड़ती हैं.