नई दिल्ली: आईडीबीआई कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था अगले छह वर्षों में हर 1.5 साल में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़ने के लिए तैयार है. रिपोर्ट में कहा गया कि भारत एक बड़े बदलाव के कगार पर है. इसका लक्ष्य 2032 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है, जो 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे चलकर हर 1.5 साल में एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर जोड़कर, भारत अगले छह वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र द्वारा संचालित होगी. इसके वृद्धिशील सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 32 फीसदी योगदान करने की उम्मीद है.
एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पहुंचने में लगे 63 साल
रिपोर्ट में मेक इन इंडिया जैसी पहलों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है, जो रिपोर्ट के अनुसार भारत के विनिर्माण आधार को मजबूत करने और देश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने के लिए डिजाइन की गई हैं. डेटा ने यह भी बताया कि भारत को एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की जीडीपी तक पहुंचने में 1947 से 2010 तक 63 साल लगे. हालांकि, पिछले दशक में विकास में काफी तेजी आई है.