नई दिल्ली: भारत के दो प्रमुख शेयर बाजार सूचकांक - बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी ने सोमवार को सप्ताह भर से चली आ रही गिरावट का सिलसिला तोड़ दिया, जो इस महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा की गई भारी बिकवाली के कारण शुरू हुआ था. बीएसई सेंसेक्स में एक समय 1,100 अंकों की वृद्धि दर्ज की गई और यह कारोबारी सत्र के दौरान 80,540 अंकों के उच्च स्तर पर पहुंच गया. इसी तरह निफ्टी ने भी इंट्रा-डे हाई 24,492 अंकों को छुआ.
शेयर बाजार में तेजी कंपनियों, विशेष रूप से बैंकिंग कंपनियों की मजबूत आय के कारण हुई, जिसे इस उम्मीद से और बल मिला कि तेल की कीमतों में गिरावट आएगी क्योंकि इजराइल ने प्रमुख ऊर्जा उत्पादक ईरान में तेल और परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया है.
सोमवार को बीएसई सेंसेक्स 603 अंकों (0.76 प्रतिशत) की बढ़त के साथ बंद हुआ, और निफ्टी ने 158 अंकों (0.65 प्रतिशत) की बढ़त के साथ ग्रीन जोन में कारोबार बंद किया.
बाजार में मजबूती निवेशकों के लिए यह बड़ी राहत की बात है क्योंकि पिछले सप्ताह दोनों प्रमुख सूचकांकों को बड़ा झटका लगा था. जिसकी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा की गई भारी बिकवाली थी, जिन्होंने पिछले सप्ताह में भारतीय बाजारों से 10.2 बिलियन डॉलर (85,790 करोड़ रुपये) से अधिक की निकासी की थी.
जिसके कारण बीएसई सेंसेक्स 21 अक्टूबर को 81,151 के उच्च स्तर से गिरकर पिछले शुक्रवार यानी 25 अक्टूबर को 79,402 पर आ गया था.
शेयर बाजार में क्या बदला
हालांकि, पिछले सप्ताह की सारी निराशा इस सप्ताह की शुरुआत के साथ दूर होती दिख रही है क्योंकि बीएसई सेंसेक्स ने सोमवार को एक बार फिर 80,000 से ऊपर का स्तर हासिल किया. एनएसई निफ्टी भी सोमवार को 24,000 से ऊपर बंद हुआ.
बीएसई के 30 शेयरों वाले प्रमुख सूचकांक में कुल 30 कंपनियों के शेयरों में से केवल पांच के शेयर लाल निशान में बंद हुए. इसी तरह, अधिक व्यापक आधार वाले NSE NIFTY में कुल 50 कंपनियों के शेयरों में से केवल 14 के शेयर लाल निशान में बंद हुए.
बाजार में तेजी के कारण
दोनों प्रमुख शेयर सूचकांकों - बीएसई और एनएसई में तेजी आई क्योंकि दोनों सूचकांकों में शामिल प्रमुख कंपनियों ने दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2024) के मजबूत परिणाम दिखाए. साथ ही निवेशकों के विचार और भी सकारात्मक हो गए क्योंकि इजराइल ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी ईरान के खिलाफ जवाबी हमले में उसके महत्वपूर्ण ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बनाया. केवल देश के सैन्य प्रतिष्ठानों को लक्षित किया, जिसका सीमित प्रभाव पड़ा.
इससे निवेशकों में यह संदेश गया कि मध्य-पूर्व में लंबे समय तक युद्ध के बावजूद ऊर्जा आपूर्ति बाधित नहीं होगी और इसके कारण तेल की कीमतों में गिरावट आएगी.
बैंकों के शेयर चमके
सोमवार को बीएसई सेंसेक्स को ऊपर ले जाने वाले इंडेक्स हैवीवेट में आईसीआईसीआई बैंक जैसी बैंकिंग क्षेत्र की कंपनियां शामिल थीं, जिन्होंने 270 अंकों का योगदान दिया. आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में भारी उछाल के पीछे मुख्य कारण दूसरी तिमाही में इसकी मजबूत कॉर्पोरेट आय थी, क्योंकि जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान इसका शुद्ध लाभ 14 प्रतिशत (11,746 करोड़ रुपये) से अधिक बढ़ा है.
आईसीआईसीआई बैंक सोमवार को बीएसई सेंसेक्स पर भी शीर्ष लाभार्थी रहा, जिसने दिन का कारोबार 3 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद किया.