नई दिल्ली:समाज के जरूरतमंद और गरीब वर्गों को दी जाने वाली सब्सिडी या वित्तीय सहायता, ब्याज भुगतान, परिवहन और रक्षा खर्च के बाद केंद्र सरकार का चौथा सबसे बड़ा खर्च है. उदाहरण के लिए, अगर केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में एक रुपया खर्च करने जा रही है, तो अकेले ब्याज भुगतान पर 20 पैसे, रक्षा पर 8 पैसे और सब्सिडी पर 6 पैसे खर्च होंगे.
इन तीनों क्षेत्रों में सबसे अधिक सब्सिडी
वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2024-25 (चालू वित्त वर्ष) तक की तीन साल की अवधि के लिए, तीन मदों- फूड, फ्यूल और फर्टिलाइजर- पर केंद्र का संचयी सब्सिडी बिल अकेले 13.26 लाख करोड़ रुपये है. किसी भी सरकार के लिए हर बजट में समाज के जरूरतमंद वर्गों के लिए वित्तीय सहायता के रूप में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये से 5 लाख करोड़ रुपये अलग रखना एक चुनौती है.
बजट डॉक्यूमेंट के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2022-23 में तीन आइटम्स में सब्सिडी देने के लिए 5.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान में यह 4.13 लाख करोड़ रुपये और चालू वित्तीय वर्ष के बजट अनुमान में 3.81 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान लगाया गया है, जो गिरावट का रुझान दिखाता है.
फूड आइटम्स पर मिलने वाले सब्सिडी
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 810 मिलियन से अधिक लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी बिल इन तीनों आइटम्स के समग्र सब्सिडी बिल का सबसे बड़ा हिस्सा है.
उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2022-23 में अकेले केंद्र का फूड सब्सिडी बिल 2.73 लाख करोड़ रुपये था. संशोधित अनुमान के अनुसार, पिछले वित्तीय वर्ष के लिए यह 2.12 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. बजट अनुमान के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष के लिए आवंटन 2.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.