नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में केंद्रीय बजट पेश किया. बजट में वित्त मंत्री ने देश के हेल्थ सेक्टर को बढ़ावा देने वाली घोषणाएं की हैं. इसमें मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में वृद्धि के अलावा 36 लाइफ सेविंग दवाओं को टैक्स से छूट देना शामिल है.
स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बजट की सराहना की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के विस्तारित समिति के अध्यक्ष और इसके पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल ने ईटीवी भारत से कहाकि निर्मला सीतारमण की ओर से घोषित बजट वास्तव में अच्छा है. "
डॉ अग्रवाल ने अगले तीन साल में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की बजट घोषणा की भी सराहना की. उन्होंने कहा, "12 लाख रुपये तक की टैक्स से छूट से पूरे भारत में जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टरों को भी लाभ होगा."
डॉ अग्रवाल ने बताया कि आईएमए ने पहले भी केंद्र सरकार से जीवन रक्षक दवाओं (कैंसर) को टैक्स स्लैब से मुक्त करने की अपील की थी. एसोसिएशन ने देशभर के मेडिकल संस्थानों में सीटें बढ़ाने की भी अपील की है. हेल्थ सर्विस सेक्टर को बढ़ावा देते हुए 36 जीवन रक्षक दवाओं को मूल सीमा शुल्क से पूरी तरह मुक्त दवाओं की सूची में शामिल किया गया है.
इसका उद्देश्य कैंसर रोगियों, दुर्लभ और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करना है. इसके अलावा, छह जीवन रक्षक दवाओं को 5 प्रतिशत की रियायती सीमा शुल्क वाली सूची में जोड़ा जाएगा और इन दवाओं के निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थोक दवाओं पर फुल छूट और रियायती शुल्क लागू होगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के अपने बजट में इसकी घोषणा करते हुए कैंसर केयर की सुलभता बढ़ाने के लिए अगले तीन साल में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की बात भी कही.
सीतारमण ने कहा, "वित्त वर्ष 2025-26 में ही 200 सेंटर स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा, सरकार शहरी आजीविका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें आर्थिक स्थिरता और रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के माध्यम से शहरी गरीबों और कमजोर समूहों का समर्थन करने पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है."
कॉलेजों में मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी
सीतारमण ने मेडिकल ऐजुकेशन के विस्तार पर अपनी सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, 130 प्रतिशत की वृद्धि के साथ लगभग 1.1 लाख स्नातक और स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें जोड़ी गई हैं. उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए अगले पांच साल में 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी. आने वाले वर्ष में मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 अतिरिक्त सीटें शुरू की जाएंगी.
मेडिकल टूरिज्म और डे केयर सेंटर
स्वास्थ्य बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के महानिदेशक डॉ गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि केंद्रीय बजट 2025 पोषण और निवारक स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देकर एक स्वस्थ भारत के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है.
डॉ. ज्ञानी ने कहा, "स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने पर जोर हमारे समग्र कल्याण के दृष्टिकोण के अनुरूप है, यह मानते हुए कि एक अच्छी तरह से पोषित आबादी एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ बनती है. हम उन पहलों का स्वागत करते हैं जो सभी के लिए पौष्टिक भोजन तक पहुंच बढ़ाती हैं."
अगले तीन साल में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर की घोषणा भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि अकेले वित्त वर्ष 2025-26 में 200 केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे समय पर इलाज करने में मदद मिलेगी. डॉ ज्ञानी ने कहा, "इसके अलावा, कमजोर समुदायों के लिए निरंतर समर्थन के माध्यम से शहरी आजीविका को मजबूत करना आर्थिक स्थिरता और स्वास्थ्य सेवा पहुंच में सुधार करके सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान देगा."
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