नई दिल्ली :रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में सकल रूप से माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 10 फीसदी की बढ़ोतरी है. अगस्त 2023 में कुल संग्रह 1.59 लाख करोड़ रुपये था. आज उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में सीजीएसटी, एसजीएसटी, आईजीएसटी और उपकर सभी में साल-दर-साल वृद्धि हुई है.
2024 में अब तक कुल जीएसटी संग्रह 10.1 प्रतिशत बढ़कर 9.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि 2023 की इसी अवधि में 8.29 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए थे. अप्रैल में कुल जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया. जुलाई में माल और सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.82 लाख करोड़ रुपये था.
मई और जून में संग्रह क्रमशः 1.73 लाख करोड़ रुपये और 1.74 लाख करोड़ रुपये था. वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, कुल सकल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक है. मार्च 2024 में समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए औसत मासिक संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के औसत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक था.
हालिया जीएसटी संग्रह में वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक प्रक्षेपवक्र को दर्शाती है, जो मजबूत घरेलू खपत और उछाल वाली आयात गतिविधि को रेखांकित करती है. ये आंकड़े देश के राजकोषीय स्वास्थ्य और आर्थिक सुधार के प्रयासों के लिए अच्छे संकेत हैं, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच लचीलेपन का संकेत देते हैं. देश में 1 जुलाई, 2017 से वस्तु एवं सेवा कर लागू किया गया था, और राज्यों को जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था.