नई दिल्ली: सोना भारत में सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प माना जाता है, खासकर आर्थिक अनिश्चितता के दौर में. घरेलू और वैश्विक कारकों के चलते पिछले कुछ वर्षों में सोने की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. हालांकि, सोने का भाव लगातार बढ़ रहा है.
गुरुवार 9 जनवरी को सोने के भाव में लगातार तीसरे दिन वृद्धि दर्ज की गई. मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 80,300 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. जबकि पिछले सत्र में सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था.
इसी तरह, चांदी की कीमत 500 रुपये बढ़कर 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि बुधवार को चांदी 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर बंद हुई थी.
व्यापारियों का कहना है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (पीबीओसी) ने लगातार दूसरे महीने अपने सोना भंडार में वृद्धि की, जिससे कीमती धातु में उछाल आया. शेयर बाजार में जोखिम कम करने की भावना और चीन से कमजोर मैक्रो डेटा के बीच सोने के भाव में तेजी आई, जिससे पारंपरिक सुरक्षित निवेश परिसंपत्ति सोने की ओर प्रवाह बढ़ा.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, "चीन की उपभोक्ता मुद्रास्फीति (खुदरा महंगाई) शून्य हो गई, लगातार चौथे महीने गिरावट आई, जिससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में विकास को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं." उन्होंने कहा कि आंकड़ों ने मंहगाई से निपटने और प्रोत्साहन उपायों के जरिये मांग को बढ़ावा देने के चीनी सरकार के प्रयासों को कमजोर कर दिया है.
4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था सोने का भाव
भारत में 2000 के दशक से कीमतों में भारी उछाल आया है. 2000 के दशक की शुरुआत में सोने का भाव लगभग 4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम था. 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट के बाद निवेशकों ने सुरक्षित-संपत्ति के रूप में सोने की ओर रुख किया. मांग में उछाल के कारण 2011 तक, सोने का भाव 26,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर पहुंच गया.
इसके बाद 2020 में कोविड महामारी के कारण सोने की कीमतों में बड़ा उछाल आया, क्योंकि आर्थिक अनिश्चितता, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और कम ब्याज दरों के कारण 2020 के मध्य तक सोने की कीमत 56,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई.
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