नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के करोड़ों खाताधारकों को इस सप्ताह सौगात मिल सकती है. 28 फरवरी यानी शुक्रवार को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की बैठक होने की उम्मीद है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ब्याज दरों को लेकर निर्णय लिया जा सकता है. यह बैठक श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में होगी.
ईपीएफओ के करीब 7 करोड़ खाताधारक है. संगठन ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफ पर 8.25 फीसदी ब्याज दर तय की थी. वहीं, 2022-23 में 8.15 फीसदी और 2021-22 में 8.10 फीसदी ब्याज दर थी.
उम्मीद की जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में ईपीएफओ को अपने निवेश पर मिले शानदार रिटर्न के चलते इस साल भी ईपीएफ 8.25 फीसदी ब्याज दर बरकरार रखी जा सकती है. बैठक में चालू वित्त वर्ष के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर को लेकर फैसला लिया जाएगा. सीबीटी से हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव को मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजा जाएगा.
ईपीएफओ निजी क्षेत्र में नौकरी करने वालों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना चलाता है. इसके तहत हर महीने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन से पीएफ के नाम पर एक निश्चित राशि काटकर ईपीएफ खाते में जमा की जाती है. साथ ही कंपनी की तरफ से भी उतना ही अंशदान किया जाता है. जमा हुई राशि पर ईपीएफओ हर साल ब्याज दर तय करता है.
ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड पर चर्चा की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में ईपीएफओ खाताधारकों को उनके निवेश पर रिटर्न देने के लिए ब्याज स्थिरीकरण रिजर्व फंड ( Interest Stabilization Reserve Fund) बनाने पर चर्चा हो सकती है. इसका मकसद ईपीएफओ के करीब 7 करोड़ सदस्यों को उनके भविष्य निधि पर स्थिर रिटर्न उपलब्ध कराना है. इससे ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव या ईपीएफओ को अपने निवेश पर कम रिटर्न मिलने पर भी खाताधारकों को निश्चित रिटर्न मिलेगा.
अगर सीबीटी की ओर से ईपीएफओ की इस योजना को मंजूरी मिल जाती है तो इसे 2026-27 से लागू किया जा सकता है.
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