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भारत में 50 फीसदी से ज्यादा महंगी हुई ये दवाएं

ड्रग प्राइस रेगुलेटरी ने भारत में आवश्यक दवाओं के कीमत में 50 फीसदी से अधिक की कीमत बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है.

Medicine Price Hike
प्रतीकात्मक फोटो (IANS Photo)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 16, 2024, 12:24 PM IST

नई दिल्ली:भारत के ड्रग प्राइस रेगुलेटरी ने आवश्यक दवाओं के लिए 50 फीसदी से अधिक की कीमत बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. इन दवाओं का उपयोग अस्थमा, ट्यूबरक्लोसिस, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया और मानसिक स्वास्थ्य विकारों जैसी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है. इन महत्वपूर्ण दवाओं को भारतीय बाजार से गायब होने से रोकने के लिए मूल्य बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है.

भारत के ड्रग प्राइस रेगुलेटरी नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने कीमत बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है. संशोधित कीमतें अस्थमा, ग्लूकोमा, थैलेसीमिया, ट्यूबरक्लोसिस और मानसिक स्वास्थ्य विकारों जैसी स्थितियों के इलाज के लिए महत्वपूर्ण दवाओं को प्रभावित करती हैं.

इन दवाइयों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी
प्रभावित होने वाले फॉर्मूलेशन में बेंजिलपेनिसिलिन (10 लाख आईयू इंजेक्शन), एट्रोपिन इंजेक्शन (0.6 मिलीग्राम प्रति एमएल), स्ट्रेप्टोमाइसिन पाउडर (इंजेक्शन के लिए 750 मिलीग्राम और 1000 मिलीग्राम), साल्बुटामोल टैबलेट (2 मिलीग्राम और 4 मिलीग्राम), रेस्पिरेटर सॉल्यूशन (5 मिलीग्राम प्रति एमएल), पिलोकार्पाइन 2 फीसद ड्रॉप्स, सेफैड्रोक्सिल टैबलेट (500 मिलीग्राम), डेसफेरियोक्सामाइन (इंजेक्शन के लिए 500 मिलीग्राम) और लिथियम टैबलेट (300 मिलीग्राम) शामिल हैं.

यह पहली बार नहीं है जब एनपीपीए ने दवा के कीमतों में बढ़ोतरी की है. इससे पहले 2019 और 2021 में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई थी, जब जनता के लिए आवश्यक दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए क्रमश- 21 और 9 फॉर्मूलेशन की कीमतों को समायोजित किया गया था.

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