दिल्ली

delhi

ETV Bharat / business

बजट में सरकारी कर्मचारियों के लिए 334 करोड़ रुपये आवंटित, कहां होगा पैसे का इस्तेमाल? जानें - BUDGET 2025

वित्त मंत्री ने सरकारी कर्मचारियों की ट्रेनिंग और डेवलपमेंट के लिए कार्मिक मंत्रालय को 334 करोड़ रुपये आवंटित करने का ऐलान किया है.

Nirmala Sitharaman
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 3, 2025, 3:00 PM IST

नई दिल्ली:केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकारी कर्मचारियों की ट्रेनिंग और डेवलपमेंट को बढ़ाने के लिए कार्मिक मंत्रालय के लिए 334 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण आवंटन की घोषणा की. प्रशासन के आधुनिकीकरण, शासन को मजबूत करने और सेवा वितरण में सुधार पर सरकार का ध्यान सिविल सेवकों को सशक्त बनाने और समग्र दक्षता बढ़ाने पर है.

बजट आवंटन का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारियों के स्किल और एफिशियंसी को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है. अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटित 334.45 करोड़ रुपये कई प्रमुख प्रशिक्षण पहलों और प्रशासनिक सुधारों में विभाजित किए जाएंगे.

फाइनेंशियस एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 105.99 करोड़ रुपये का इस्तेमाल सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (ISTM) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) सहित प्रशिक्षण संस्थानों के स्थापना-संबंधी खर्चों के लिए किया जाएगा. ये संस्थान विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों के लिए फाउंडेशन कोर्स, रिफ्रेशर प्रशिक्षण और मध्य-करियर विकास जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम पेश करना जारी रखेंगे.

प्रशिक्षण योजनाओं के लिए 118.46 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जिसमें सिविल सेवकों के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए धन शामिल होगा. यह प्रावधान एलबीएसएनएए को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत करने और आईएसटीएम में प्रशिक्षण सुविधाओं का विस्तार करने में भी सहायता करेगा.

मिशन कर्मयोगी के लिए 110 करोड़ रुपये
सरकारी कर्मचारियों की प्रोफेशनल कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख पहल मिशन कर्मयोगी के लिए 110 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य सिविल सेवकों को आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करके उन्हें अधिक रचनात्मक, सक्रिय और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाना है.

प्रशासनिक सुधार के लिए 100 करोड़ रुपये
बजट के तहत प्रशासनिक सुधारों के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है. यह धनराशि सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण और पायलट परियोजनाओं को सहायता प्रदान करेगी, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार करना है.

इसमें ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना, कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिए डिजिटल गवर्नेंस को प्रोत्साहित करना, सुशासन को बढ़ावा देना, ट्रांसपेरेंसी, अकाउंटिबलिटी और सरकारी प्रणालियों की समग्र प्रभावशीलता को मजबूत करना शामिल है. इसके अलावा सार्वजनिक शिकायतों का निवारण, नागरिकों की शिकायतों को तुरंत और कुशलतापूर्वक संबोधित करने के लिए व्यापक प्रणाली विकसित करना भी इसका हिस्सा है.

मिशन कर्मयोगी के साथ क्षमता निर्माण को बढ़ावा देना
मिशन कर्मयोगी सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे बड़ी नौकरशाही सुधार पहलों में से एक है. इसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को तेजी से डिजिटल होती दुनिया में अधिक उत्तरदायी, अभिनव और अनुकूलनीय बनने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करना है.

यह स्कीम कर्मचारी के करियर के विभिन्न चरणों में निरंतर प्रशिक्षण, प्रेरण से लेकर नेतृत्व की भूमिका तक, निर्णय लेने और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी-सक्षम उपकरणों के साथ कर्मचारियों को सशक्त बनाना के साथ विभिन्न सरकारी विभागों के बीच सहयोग और ज्ञान-साझाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है. प्रदान की गई निधि इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम का विस्तार करने और उसे बेहतर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों का समर्थन करेगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि कर्मचारी शासन प्रथाओं में सबसे आगे रहें. साथ ही सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, जिसने सरकारी पारदर्शिता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

इसको अगले वित्तीय वर्ष के लिए 3 करोड़ रुपये का डेडिकेटेड फंड मिला है. इस आवंटन का उद्देश्य आरटीआई अधिनियम को और बढ़ावा देना और इसका व्यापक उपयोग सुनिश्चित करना है, जिससे नागरिकों को सरकार को जवाबदेह ठहराने में सशक्त बनाया जा सके. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) को 164.62 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह निधि न केवल इसके स्थापना-संबंधी खर्चों का समर्थन करेगी, बल्कि देश भर में कैट बेंचों के लिए भूमि अधिग्रहण और नई इमारतों के निर्माण में भी सहायता करेगी

भर्ती और सेलेक्शन बॉडीज के लिए सहायता
सार्वजनिक सेवा को मजबूत करने के लिए कर्मचारी चयन आयोग (SSC) को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 515.15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।.यह चालू वित्त वर्ष में आवंटित 584.92 करोड़ रुपये से थोड़ी कमी है, लेकिन फिर भी यह सिविल सेवकों के लिए एक पारदर्शी और कुशल भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

यह भी पढ़ें- इनकम के हिसाब से कितना बचेगा टैक्स? सैलरी 12.75 लाख से ज्यादा है तो क्या होगा कैलकुलेशन? जानें

ABOUT THE AUTHOR

...view details