नई दिल्ली:कुछ विशेषज्ञों ने बजट 2024 की सराहना की, वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में देश के नागरिकों के साथ-साथ गैर-संचारी रोगी लोगों के स्वास्थ्य और भलाई के बारे में उल्लेख करने की आवश्यकता नहीं है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में एचसीएल टेक्नोलॉजीज की कॉरपोरेट वाइस प्रेसिडेंट और एडटेक बिजनेस की ग्लोबल हेड और एसोचैम एम्पावरमेंट काउंसिल की चेयरपर्सन शिवशंकर ने कहा कि सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से बजट में कुछ पहलू छूट गए हैं. हम विकलांग लोगों को मुख्यधारा में कैसे लाएंगे?
देश के नागरिकों और संचारी रोगों से पीड़ित लोगों का स्वास्थ्य और भलाई और हम उन्हें कैसे रोजगार के योग्य बनाएंगे, उनका उत्थान करेंगे, ये कुछ ऐसे कारक हैं जिनका बजट में कोई उल्लेख नहीं है. क्योंकि कोविड के बाद प्रमुख चिंताओं में से एक मानसिक स्वास्थ्य से निपटना था.
उन्होंने कहा कि यह पहला बजट है जिसमें देश के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षा से लेकर कौशल विकास, इंटर्नशिप, एमएसएमई, विनिर्माण और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों तक कई योजनाओं की बात की गई है.
बजट में इन बातों को दिया गया प्राथमिकता
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि छोटे शहरों से शहरों में नौकरी के लिए आने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए छात्रावास बनाने जैसी कुछ छोटी-छोटी बातों को बजट में प्राथमिकता दी गई है. बजट में कुछ विशिष्ट योजनाएं शामिल हैं जो युवाओं और महिलाओं को जीडीपी में योगदान करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं. बजट का एक और महत्वपूर्ण पहलू रोजगार सृजन है.