नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और पेंशनभोगियों के भत्तों में संशोधन के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया गया.मंत्री ने यह भी बताया कि आयोग के अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी.
बता दें कि केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में संशोधन के लिए दस साल में एक बार वेतन आयोग का गठन करती है. इसके अलावा वेतन आयोग पेंशन भुगतान भी तय करता है. फिलहाल देश में 7 वां वेतन आयोग लागू है. इसका सिफारिशें 2016 में की गई थी और इसका कार्यकाल 2026 में समाप्त होगा.
वेतन आयोग के अंतर्गत कौन आते हैं?
7वें वेतन आयोग के अनुसार केंद्र सरकार के वे कर्मचारी जो सिविल सेवाओं में हैं और जिन्हें भारत के कंसोलिडेटेड फंड से वेतन दिया जाता है. वे सब इसके अंतर्गत आते हैं. पब्लिस सेक्टर अंडरटेकिंग (PSUs) और ऑटोनॉमस बॉडी के कर्मचारी और ग्रामीण डाक सेवक वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते हैं.
इसका मतलब यह होगा कि कोल इंडिया में काम करने वाला कोई व्यक्ति इसके दायरे में नहीं आएता है. पीएसयू कर्मचारियों के पास अलग-अलग वेतनमान होते हैं, जो उनके द्वारा काम किए जाने वाले उपक्रम पर निर्भर करते हैं.