नई दिल्ली : दुनिया में जंगलों और वन्य जीव-जंतुओं को बचाने की जिम्मेदारी वन रेंजरों के कंधों पर होती है. रेंजर्स की जिंदगी बड़ी ही कठिन होने के साथ प्रतिदिन चुनौतियों से भरी हुई होती है. उन्हें एक तरफ घने जंगल, गहरे पानी और ऊंचे पर्वतों में हर मौसम में वन्य जीवों के साथ वनों की भी रक्षा करनी पड़ती है. दूसरी तरफ जंगल के खूंखार जानवरों से खुद की भी रक्षा करनी पड़ती है. कई बार वन रेंजर्स खूंखार जानवरों के बीच उनकी देखभाल करते हुए उन्हीं का शिकार भी बन जाते हैं.
इन बहादुर जांबाज वन रेंजर्स को सम्मान देने के लिए 31 जुलाई को पूरी दुनिया में वर्ल्ड रेंजर्स डे मनाया जाता है. इस दिन उन वन रेंजर्स के कामों की सराहना की जाती है, जो अपनी जान की परवाह किए बिना खतरों के बीच जंगलों और वन्य जीवों को बचाने का काम करते हैं. साथ ही ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले रेंजर्स को श्रद्धांजलि भी इसी दिन अर्पित की जाती है.
विश्व रेंजर दिवस थीम : World Ranger Day 2024 Theme
इस वर्ष विश्व रेंजर दिवस की थीम 30 बाय 30 है जो कि 2022 के संयुक्त राष्ट्र जैविक विविधता सम्मेलन(COP15)पर आधारित है, जहां विश्व के नेता और निर्णयकर्ता वैश्विक जैव विविधता (Global Biodiversity Framework) की रूपरेखा पर सहमत हुए थे.
वर्ल्ड रेंजर डे की शुरुआत 31 जुलाई 1992 को इंटरनेशनल रेंजर्स फाउंडेशन (आईआरएफ) की स्थापना के अवसर पर हुई थी. इंग्लैंड के पीक नेशनल पार्क में इंटरनेशनल रेंजर्स फाउंडेशन की स्थापना के बाद कंट्रीसाइड मैनेजमेंट एसोसिएशन (सीएमए), स्कॉटिश कंट्रीसाइड रेंजर्स एसोसिएशन (एससीआरए) और यूएस एसोसिएशन ऑफ नेशनल पार्क रेंजर्स (एएनपीआर) के बीच एक समझौते के बाद पूरी दुनिया में वन रेंजर्स के लिए कुछ किए जाने के बारे में सोचा जाने लगा.