नई दिल्ली: पाकिस्तान से आतंकवादी नेटवर्क को समाप्त करने के लिए एक तंत्र बनाने का संसदीय पैनल ने सरकार को सुझाव दिया है. बता दें कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान की आईएसआई के द्वारा सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता, वित्त और अन्य रसद प्रदान की जाती है. विदेश मामलों की संसदीय समिति ने मंगलवार को लोकसभा में पेश 28वीं रिपोर्ट में कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है.
बीजेपी सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट 'क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला' में कहा है कि देश में आतंकवादी हमलों को सभी आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को नष्ट करके ही रोका जा सकता है. रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि संसाधनों के प्रभावी बंटवारे, क्षमता वृद्धि और केंद्रीय एजेंसियों के उपलब्ध विशेषज्ञों के लिए जल्द से जल्द एक कार्य योजना और तंत्र पर काम किया जा सकता है. साथ ही पड़ोसी देशों में आतंकवादी नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास जरूरी है.
संसदीय पैनल की रिपोर्ट ने कहा कि भारत में आतंकवाद की समस्या काफी हद तक सीमा पार से प्रायोजित है. पाक-आईएसआई के लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम), हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) आदि जैसे आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और वह उन्हें सुरक्षित पनाहगाह, सामग्री सहायता प्रदान करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वित्त और अन्य साजो-सामान का इस्तेमाल किया जाएगा.