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'दिन में शौच आने पर रात का इंतजार करती हूं, शर्म हया छोड़ दी हमने', बाढ़ पीड़िताओं का दर्द जान कलेजा फट जाएगा

बाढ़ से बिहार के कई जिले अभी भी त्राहिमाम कर रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठानी पड़ रही है. पढ़ें यह रिपोर्ट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 5 hours ago

BIHAR FLOOD
बिहार बाढ़ में महिलाएं परेशान. (Etv Bharat)

पटना: 'नजर जहां तक जाती है, पानी ही पानी है. कहीं भी सुखा नजर नहीं आता है. अब तो लगता है जिंदगी पानी बनकर रह गई. ना अब कोई शर्म रही, ना हया. सब काम इसी पानी में करना पड़ रहा है.' यह कहना है सुपौल की रहने वाली फातिमा खातून का.

बाढ़ में महिलाओं की समस्या हो जाती दोगुनी : दरअसल, कोसी ने इस तरह से अपना तांडव मचाया है कि हर तरफ पानी ही अपनी नजर आता है. हालांकि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन, उसके साथ कई परेशानियां भी बढ़ रही है. सबसे बड़ी परेशानी तो उन महिलाओं के साथ हो रही है जो पर्दे में रहने के लिए बाध्य तो होती है लेकिन, जब बाढ़ का पानी आ जाता है तो वह पर्दा बेजार हो जाता है.

बिहार में बाढ़ से हाहाकार (Etv Bharat)

'आखिर करें भी तो क्या?' : जी हां, हम बात कर रहे हैं उन महिलाओं की, जो हर साल बाढ़ के कारण बड़ी कठिनाइयों से मुकाबला करती हैं. उनके दिन की शुरुआत बड़ी मुश्किलों से होती है. क्योंकि, रोजमर्रे का काम, शौच आदि, नित्य क्रिया कर्म इसी पानी में करना पड़ता है. उनकी परेशानी इस कदर बढ़ जाती है उन्हें सारी शर्म हया छोड़नी पड़ती है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

दरभंगा में हाल-बेहाल :नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद नदियों में आए उफान के कारण दरभंगा के गौड़ाबौराम, घनश्यामपुर, किरतपुर और कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के 21 पंचायत बाढ़ प्रभावित हो गये हैं. जिससे हजारों की आबादी विस्थापित हो गई है. उन्हें अपने जीवनयापन के लिए काफी संघर्ष करना पर रहा है.

कुछ इस तरह कट रही जिंदगी. (Etv Bharat)

बाढ़ में महिलाओं का संघर्ष :बाढ़ पीड़ित महिलाएं एक अतिरिक्त और गहरी व्यक्तिगत चुनौती से जूझ रही हैं और वो है शौच आदि. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की कई महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जिससे उनके सामने सुरक्षा और सम्मान का खतरा हमेशा बना रहता है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'शर्म को किनारे रख देती हूं' :दरभंगा जिले में बाढ़ के पानी में डूबे अपने गांव के बाद से तटबंध पर रह रही महिलाओं ने कहा हमें खुले में शौच करने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ऐसा करने के लिए हमें अपनी शर्म को किनारे रखना पड़ता है. यह ऐसी बात है जिसे केवल महिलाएं ही सही मायने में समझ सकती हैं.

बिहार बाढ़ में महिलाएं परेशान. (Etv Bharat)

''हम शौच से बचने के लिए दिन में कम पानी पी रहे हैं और कम खाना खा रहे हैं. अगर दिन में शौच लग जाये तो रात तक इंतजार करना पड़ता है. अगर उस दौरान कोई गाड़ी आ जाये, तो हमारी स्थिति की अंदाजा आप नहीं लगा सकते हैं.''- फुलमतिया देवी, बाढ़ पीड़िता

खुद नाव चलाकर शौच जाती हैं :वहीं, जो परिवार गांव के अंदर है, उन्हें कुछ सूखा अनाज तो सरकार की ओर से दिया गया है, लेकिन शौचालयों की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण महिला खुद नाव को चलाकर गांव से दूर जाती हैं और शौच से निवृत्त होकर वापस लौटती हैं. ऐसे में उन्हें हमेशा जानमाल का खतरा बना रहता है.

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'पानी में सबकुछ करना पड़ता है' : दूसरी तरफ, सहरसा जिले का भी यही हाल है. बाढ़ आने के बाद कोसी तटबंध के अंदर बसे लोग ऊंचे स्थान पर जाने को मजबूर हो गए. सरकार द्वारा बाढ़ आश्रय स्थल पर जाकर बाढ़ पीड़ित रह रहे हैं. बाढ़ कैम्प में रह रही महिलाओं के नित्यकर्म, शौचालय, स्नान की व्यवस्था नहीं है. महिलाएं पानी में ही शौच करने को मजबूर हैं.

''जिला प्रशासन के द्वारा ना ही शौचालय की व्यवस्था की गई है और ना ही महिला के महिलाओं को स्नान करने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में हमलोगों के पास क्या उपाय बचता है?''- राजलक्ष्मी, बाढ़ पीड़िता

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