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दिल्ली के सत्ता संघर्ष में AAP के साथ कदमताल कर रहीं सुनीता केजरीवाल, अब सियासत में उतरने की बारी! - Sunita Kejriwal in politics

Sunita kejriwal in politics: सीएम अरविंद केजरीवाल ED की हिरासत में है. दिल्ली में सत्ता का संकट मंडराया हुआ है. संघर्ष की इस घड़ी में अरविंद केजरीवाल के साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल मजबूती से खड़ी नजर आ रही हैं, इस बात का सबूत है उनका दो बार जनता के सामने आकर अपनी बात रखना. क्या ये किसी तरह का संकेत है. आइए जानते हैं...

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 28, 2024, 3:01 PM IST

'सुनीता केजरीवाल'
'सुनीता केजरीवाल'

नई दिल्ली:सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार हैं. गुरुवार को 6 दिन की ईडी की कस्टडी खत्म होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. किसी घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री की ये पहली गिरफ्तारी है. लेकिन जब से अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए हैं तब से पत्नी सुनीता केजरीवाल सुर्खियों में आ गई है.

अरविंद केजरीवाल और पत्नी सुनीता केजरीवाल साथ में पूजा करते हुए

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बारे में पार्टी के शीर्ष नेता लगातार कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इनसे डर है. इस वजह से उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी ED का इस्तेमाल कर उन्हें गिरफ्तार कराया है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन, केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली करने वाला है. रैली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी मंच पर मौजूद होंगी और तमाम पार्टी के राजनेताओं के साथ वह अपनी बात रखेंगी. हालांकि, अभी तक सुनीता केजरीवाल जिस तरह पति की गिरफ्तारी के बाद दो बार डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर चुकी है, इससे उनके राजनीति में आने की सॉफ्ट लॉन्चिंग के रूप में देखा जा रहा है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि पति अरविंद केजरीवाल की जगह सुनीता केजरीवाल ही मुख्यमंत्री का चेहरा तो नहीं होंगी.

अरविंद केजरीवाल और पत्नी सुनीता केजरीवाल साथ में पूजा करते हुए

केजरीवाल और उनके नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के उदय में रामलीला मैदान और अन्ना आंदोलन की बड़ी भूमिका रही है. साल 2013 के बाद 2015 में दिल्ली में प्रचंड बहुमत से आप को सरकार बनाने में सफलता मिली थी. 70 में से 67 विधानसभा सीटें जीतने के बाद 14 फरवरी 2015 को रामलीला मैदान में अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उसके बाद अपने संबोधन की शुरुआत में लव यू दिल्ली से की थी. अभी अरविंद केजरीवाल जिस तरह ईडी की कस्टडी में हैं और अपने संदेशों के जरिए दिल्ली वालों की चिंता को व्यक्त करते हैं. पत्नी सुनीता केजरीवाल की मानें तो दिल्ली की जनता से बहुत प्यार करते हैं.

अपनी सफलता का श्रेय सुनीता को देते रहे हैं केजरीवाल:अभी तक के राजनीतिक सफर में जिस तरह अरविंद केजरीवाल का जो भी फैसला रहा है उसे लेकर केजरीवाल के पुराने सहयोगी व रंगमंच के संचालक अरविंद गौड़ कहते हैं, 'अरविंद केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता को बेहद प्यार करते हैं. यही वजह है कि वो अपनी सफलता का श्रेय सुनीता केजरीवाल को देते हैं. सुनीता भी उनकी जिंदगी में हर फैसले में मजबूती में उनके साथ खड़ी रही हैं.'

IRS की नौकरी छोड़कर उन्होंने जो भी काम किया उसमें उनकी पत्नी ने बड़ी भूमिका निभाई. केजरीवाल को अपने फैसलों में आज भी सुनीता का पूरा साथ मिलता है. इसी वजह से वे आईआरएस की नौकरी छोड़कर समाजसेवा के काम में निकल पाएं. घर से बेफिक्र होकर राजनीति की ओर कदम बढ़ाया. दिल्ली विधानसभा चुनाव या पंजाब व अन्य राज्यों में पार्टी का विस्तार, केजरीवाल जरूर कहते हैं कि अगर वो नहीं होती तो उनके लिए कुछ भी हासिल करना संभव नहीं था.

प्रप्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुनीता केजरीवाल

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पार्टी बनाने के बाद संघर्ष में भी सुनीता का मिला साथ:आम आदमी पार्टी के गठन के बाद पार्टी ने दिसंबर 2013 में चुनाव लड़ा, 28 सीटें जीती. कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में AAP की सरकार बनी, लेकिन 49 दिनों में ही ये सरकार चली गई. उसके बाद पार्टी के तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं की तरह पत्नी सुनीता ने भी संघर्ष में अरविंद केजरीवाल का साथ दिया. नतीजा रहा कि साल 2015 में फरवरी में पार्टी को प्रचंड बहुमत मिला.

दिल्ली में जब भी चुनाव हुए सुनीता केजरीवाल प्रचार के लिए उतरी. इस दौरान ही उन्होंने बताया था कि उनकी दोनों की मुलाकात आईआरएस की ट्रेनिंग के दिनों में हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच मुलाकातों का दौर बढ़ता गया और दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे थे.

नागपुर में पहली बार सुनीता से मिले थे अरविंद केजरीवालःअरविंद केजरीवाल की सुनीता से मुलाकात भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की परीक्षा पास करने के बाद ट्रेनिंग के दौरान हुई थी. महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में दोनों पहली बार मिले थे. दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ. दोस्ती के बाद रोजाना एक दूसरे के साथ गुजारने लगे. मन में सुनीता के लिए प्यार का एहसास होने के बाद भी अरविंद उन्हें प्रपोज करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे. कई महीनों तक दोनों ने अपने फीलिंग्स को छिपा कर रखा.


कई दफा प्यार के किस्से का इजहार कर चुके हैं केजरीवाल:अरविंद केजरीवाल मीडिया को दिए इंटरव्यू में कई बार अपने किस्से का जिक्र कर चुके हैं कि किस तरह से अपने प्यार का इजहार किया था. ये काफी रोमांचक था. ट्रेनिंग के दौरान ही एक रोज रात करीब 9 बजे के आसपास सुनीता के दरवाजे पर गए और दरवाजा खटखटाया. सुनीता ने जैसे ही दरवाजा खोला उन्होंने तुरंत पूछा, "विल यू मैरी मी, उन्होंने सीधे तरीके से प्रपोज कर दिया और सामने से हां का जवाब मिला था.

साल 1994 में अरविंद केजरीवाल और सुनीता की शादी हुई और वे एक दूजे के हो गए. केजरीवाल से सुनीता काफी प्रभावित थी. वो हमेशा से चाहती थी कि उनका पति ईमानदार और देश सेवा को तवज्जो देने वाला हो. ट्रेनिंग के दौरान दोनों की परिवार की मंजूरी के बाद अगस्त 1994 में दोनों की सगाई हो गई. इसके दो महीने बाद नवंबर 1994 में आईआरएस के प्रशिक्षण के दौरान दोनों विवाह के बंधन में बंध गए.

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