एटा: हाथरस में जिस सत्संग में भगदड़ मची और 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, उसमें संत भोले बाबा प्रवचन दे रहे थे. बाबा मूल रूप से कासगंज जिले की पटियाली के बहादुरनगर के रहने वाले हैं और उनका नाम साकार विश्व हरि है. बाबा बनने से पहले वह पुलिस के गुप्तचर विभाग में नौकरी करते थे.
बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और कथावाचक बनकर भक्तों की सेवा का काम शुरू किया. वह अपनी पत्नी के साथ सत्संग करते हैं और पटियाली वाले साकार विश्व हरि बाबा के नाम से जाने जाते हैं. उनके सत्संग में हजारों की संख्या में लोग आते हैं.
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ से पूरा प्रदेश क्षुब्द है. हादसे के बाद एटा के जिला अस्पताल में 27 शव पहुंचे हैं, जिनमें 23 महिलाओं के और दो बच्चों के शव हैं. वहीं घायलों का अनुमान नहीं लगाया जा सका है. मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
यह हादसा भोले बाबा के सत्संग में तब हुआ जब उनके प्रवचन कार्यक्रम का समापन चल रहा था. बताया जा रहा है कि आयोजकों ने जितनी भीड़ आने की बात प्रशासन को बताई थी, उससे ज्यादा लोग यहां पहुंच गए थे. समापन कार्यक्रम में भीड़ से कई लोगों को घुटन हुई, जिसके बाद मची भगदड़ में सैकड़ों लोग बेहोश हो गए. 100 से अधिक लोगों की जान जाने की आशंका जताई जा रही है.
कोरोना काल से चर्चा में आए बाबा: कोरोना के समय भी भोले बाबा का सत्संग कार्यक्रम विवादों में आया था. तब उन्होंने अपने सत्संग के लिए सिर्फ 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, बाद में 50 हजार से ज्यादा लोग उनके सत्संग में आए थे. भारी भीड़ के चलते प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी. इस बार भी कहा जा रहा है कि कार्यक्रम के लिए जितने लोगों के शामिल होने की बात प्रशासन को बताई गई थी, उससे ज्यादा लोग जुट गए थे.
यूपी के आलावा अन्य राज्यों में प्रभाव:भोले बाबा ने अपना वर्चस्व एटा, आगरा, मैनपुरी, शाहजहांपुर, हाथरस समेत कई जिलों में ही नहीं इसके अलावा पश्चिमी यूपी से सटे मध्य प्रदेश और राजस्थान, हरियाणा के कई जिलों में इनके समागम लगते हैं. भोले बाबा के ज्यादातर भक्त गरीब तबके हैं, जो लाखों की संख्या में सत्संग सुनने पहुंचते हैं. साकार विश्व हरि भले ही खुद को भगवान का सेवक कहते हैं, लेकिन उनके भक्त बाबा को भगवान का अवतार बताते हैं, हजारों की संख्या में बाबा के सेवा दार भी हैं, जो सत्संग की व्यवस्था स्वयं देखते हैं.