रायबरेली : मेहनत और खुद पर विश्वास से कोई भी अपनी किस्मत बदल सकता है. यह साबित कर दिखाया है रायबरेली ऊंचाहार विधानसभा क्षेत्र के जगतपुर क्षेत्र के उण्डवा गांव निवासी युवा किसान कुंवर मोहित सिंह ने. मोहित सिंह उन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं जो खेती-किसानी को दोयम दर्जे का मान कर रोजगार के लिए दर दर भटकते हैं. हालांकि मोहित ने भी 20 साल काॅरपोरेट सेक्टर में लाखों रुपये के पैकेज पर काम किया, लेकिन अंतत: नौकरी छोड़कर आज अपने पैतृक गांव में फलों व सब्जियों की खेती करके लाखों रुपये की आमदनी कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में मोहित ने बताया कि 2003 में ग्रेजुएशन करके दिल्ली चले गए थे. जहां 2022 तक कॉरपोरेट सेक्टर की अलग-अलग कंपनियों में काम किया. पुणे और मुंबई में रहकर स्कूल चलाए. वर्ष 2020 में कोरोना काल आया तो घर लौटने की मजबूरी हो गई. यहां आकर अपनी जमीन पर खेती-बाड़ी करने की सोची. मेरे पास 25 से 26 एकड़ जमीन है. इसमें केले व तरबूज की खेती शुरू की. साथ ही धान, गेहूं के अलावा सरसों भी उगाना शुरू किया है.
मोहित सिंह के मुताबिक टर्नओवर की बात करें तो सालभर का 45 से 50 लाख का चला जाता है. साथ ही 10 से 12 एकड़ में तरबूज उगाते हैं तो 15 से 17 लाख रुपये का टर्नओवर हो जाता है. कुल मिलाकर सालभर का कुल टर्नओवर 60 से 65 लाख रहता है. जिसमें खर्च निकाल करके हम उतना ही कमा लेते हैं जितना अपनी कॉरपोरेट की जॉब से कमाते थे. मोहित सिंह ने बताया कि आधुनिक खेती शुरू करने से पहले देश में अनेक जगह पर भ्रमण किया. छोटे किसानों से काफी कुछ सीखा.
मोहित सिंह का कहना है कि यदि कोई युवा अपना गांव छोड़कर शहर जाकर 15 से 20 हजार रुपये महीना कमाने की सोच रखता है तो वह अपने गांव में आधुनिक खेती से उससे ज्यादा कमा लेगा. साथ ही अन्य लोगों को रोजगार भी दे सकता है. खेती-बाड़ी व बागवानी में अब अच्छे कॅरियर की संभावनाएं हैं. बहरहाल मेरे जानने वाले कई युवा लीज पर जमीन लेकर अच्छी आमदनी कर रहे हैं.