नई दिल्ली:अगले साल पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आयोजन होना है. वहीं, चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर भारत में चर्चाएं जोरों पर हैं. लोगों की नजर इस बात पर बनी हुई है कि BCCI इंडिया के पाकिस्तान जाने से इनकार करेगा या फिर रोहित एंड कंपनी पड़ोसी देश के मैदान में खेलती नजर आएगी. हालांकि, अब तक बीसीसीआई साफ तौर पर पाकिस्तान दौरा करने से इनकार करता रहा है.
इस बीच हाल ही में बीसीसीआई उपाध्यक्ष ने राजीव शुक्ला ने एक बयान देकर खलबली मचा दी. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरकार पाकिस्तान जाने के लिए हरी झंडी दे देगी तो हम वहां जरूर जाएंगे. ये सिर्फ सरकार पर निर्भर करता है और बीसीसीआई सरकार के कहने पर ही काम करेगी.
शुक्ला ने कहा कि बीसीसीआई और भारत सरकार दोनों ही खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती हैं. यही वजह है कि सरकार टीम इंडिया के पाकिस्तान दौरे को लेकर अनुमति नहीं मिलती. हालांकि, शुक्ला के बयान से लगता है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान जाने को लेकर BCCI नरम रुख अपना सकता है.
पहले भी दे चुके हैं बयान
बता दें कि यह पहला मौका नहीं था, जब राजीव शुक्ला ने टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने पर अपनी टिप्पणी की हो. इससे पहले भी उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा था कि चैंपियन ट्रॉफी के मामले में हम वही करेंगे जो भारत सरकार हमें करने को कहेगी. हम अपनी टीम तभी भेजते हैं जब भारत सरकार हमें अनुमति देती है. इसलिए हम भारत सरकार के फैसले के अनुसार ही चलेंगे.
कौन हैं राजीव शुक्ला?
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर राजीव शुक्ला हैं कौन और उनके बयान से क्यों खलबली मच गई है. बता दें कि राजीव शुक्ला वर्तमान में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले वह इससे पहले वह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के चैरमैन भी रहे हैं. 13 सितंबर, 1959 को जन्मे राजीव शुक्ला एक जमाने में पत्रकार थे. लेकिन बाद में वे सियासत में आ गए. राजीव शुक्ला UPA सरकार में मनमोहन सिंह की कैबिनेट का भी हिस्सा थे.
राजीव शुक्ला की अपनी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अुनसार वह संसदीय कार्य और योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे हैं. वह खुद को कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता मानते हैं. राजीव राजनीतिक कमेंटेटर और टेलीविजन होस्ट भी रहे हैं. उन्होंने जनसत्ता, दैनिक जागरण रविवार और संडे जैसे पब्लिकेशन के लिए भी काम किया है. राजीव शुक्ला के बारे में कहा जाता है कि वह एक ऐसे नेता है, जिनके संबंध सभी राजनीतिक दलों के साथ मधुर हैं. यह ही वजह है कि टीम इंडिया के पाकिस्तान जाने को लेकर दिए उनके बयान पर खलबली मची है.
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