नई दिल्ली:नई दिल्ली विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी परवेश वर्मा ने जीत हासिल की है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और लगातार तीन बार नई दिल्ली से जीत दर्ज करने वाले अरविंद केजरीवाल को परवेश वर्मा ने 4 हजार से अधिक वोटो से शिकस्त दी. नई दिल्ली सीट से कुल 23 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. तीसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी संदीप दीक्षित रहे. परवेश वर्मा की जीत हासिल करने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वो दिल्ली के नए CM फेस हो सकते हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली विधानसभा सीट दिल्ली की सबसे वीआईपी और हॉट सीट रही. नई दिल्ली विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे थे. वहीं, कांग्रेस के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित चुनाव मैदान में थे. नई दिल्ली सीट पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा था. अंत: बीजेपी प्रत्याशी परवेश वर्मा ने इस सीट से अरविंद केजरीवाल को शिकस्त दे दी है.
परवेश वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात: नई दिल्ली सीट से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री पद का प्रमुख दावेदार माना जाता है. 1998 से 2020 के विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली से जीतने वाले उम्मीदवार को पार्टी ने मुख्यमंत्री बनाया है. नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद प्रवेश वर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या नई दिल्ली सीट से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री बनाने की परंपरा फिर दोहराई जाएगी या फिर भाजपा किसी और विधानसभा से जीतने वाले प्रत्याशी को मुख्यमंत्री का पद सौंपेगी.
नई दिल्ली सीट से कब कौन जीता:
1993: कीर्ति आजाद, भाजपा (गोल मार्केट विधानसभा सीट)
1998: शीला दीक्षित, कांग्रेस (गोल मार्केट विधानसभा सीट)
2003: शीला दीक्षित, कांग्रेस (गोल मार्केट विधानसभा सीट)
2008: शीला दीक्षित, कांग्रेस (नई दिल्ली विधानसभा सीट)
2013: अरविंद केजरीवाल, आप (नई दिल्ली विधानसभा सीट)
2015: अरविंद केजरीवाल, आप (नई दिल्ली विधानसभा सीट)
2020: अरविंद केजरीवाल, आप (नई दिल्ली विधानसभा सीट)
छह बार नई दिल्ली सीट से जीतने वाला बना है सीएम:दिल्ली विधानसभा के गठन के बाद पहली बार 1993 में चुनाव हुए थे. इस पहले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में कीर्ति आजाद ने गोल मार्केट सीट से जीत दर्ज की. उस वक्त नई दिल्ली विधानसभा सीट नहीं हुआ करती थी. पहले नई दिल्ली का क्षेत्र गोल मार्केट विधानसभा का हिस्सा हुआ करता था. पहले चुनाव को छोड़ दें तो उसके बाद हुए सभी छह चुनाव में नई दिल्ली सीट से जीतने वाले विधायक ही मुख्यमंत्री बनें. 2008 में हुए परिसीमन के बाद नई दिल्ली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई. दिलचस्प बात यह है कि जिस पार्टी का प्रत्याशी गोल मार्केट विधानसभा सीट (2008 से पहले) या नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीती, उस पार्टी की दिल्ली में सरकार बनी. शीला दीक्षित ने इस सीट से 1998, 2003 और 2008 में जीत दर्ज की. 2013, 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीते. तीनों बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है.
सीएम बदला तो पार्टी की हुई हार:दूसरा फैक्ट यह है कि विधानसभा चुनाव से पहले अगर सीएम बदला दिया गया तो उस पार्टी की हार हुई है. अब जब आम आदमी पार्टी की हार हुई है, तब दिल्ली की सरकार की मुखिया आतिशी मार्लेना हैं, जो साढ़े चार महीने सीएम रहीं. 27 साल पहले दिल्ली में ऐसी ही कहानी हुई थी, जब महंगे प्याज की आलोचना झेल रही बीजेपी ने साहेब सिंह वर्मा को हटाकर सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था. सुषमा स्वराज महज 52 दिनों के लिए सीएम बनी थीं. 1998 में जब चुनाव हुए तो जनता ने बीजेपी को सत्ता के बाहर कर दिया था.