मुंबई:बॉलीवुड फिल्मों में अपने अभिनय से फैंस के दिलों पर राज करने वाली जानी-मानी अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर फिलहाल राजनीतिक पटल से गायब हैं. पहले कांग्रेस और फिर शिवसेना में शामिल होने वाली उर्मिला मातोंडकर अब कहां हैं, क्या कर रही हैं? ये सवाल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके चलते चर्चा है कि क्या उर्मिला मातोंडकर का राजनीतिक करियर खत्म हो गया है.
बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने कई सारी फिल्मों में अलग-अलग किरदार निभाए हैं. उर्मिला की जुदाई, रंगीला, एक हसीना थी जैसी कई फिल्मों में उनकी भूमिकाएं फैंस को काफी पसंद आईं. अभिनय के साथ-साथ उर्मिला मातोंडकर की घर में ही राजनीति की पृष्ठभूमि रही है. उर्मिला मातोंडकर के पिता श्रीकांत मातोंडकर मजदूर नेता थे. साथ ही वो समाजवादी विचारधारा के कार्यकर्ता और राष्ट्र सेवा दल संगठन के सक्रिय कार्यकर्ता थे. उसकी वजह से उर्मिला मातोंडकर ने सार्वजनिक रूप से यह भी कहा कि उन पर समाजवादी विचारों और राष्ट्र सेवा दल की संस्कृति की छाप है.
इसीलिए उर्मिला मातोंडकर ने अपना रुख राजनीति की ओर मोड़ लिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस से मैदान में उतरी थीं. हालांकि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यपाल द्वारा नियुक्त खाली विधान परिषद सीट के लिए उर्मिला मातोंडकर की सिफारिश की गई थी. हालांकि महा विकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना की ओर से उनके नाम की सिफारिश किए जाने के बाद उर्मिला मातोंडकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना पार्टी में शामिल हो गईं.
कंगना रनौत और शिवसेना के बीच विवाद जगजाहिर है. अगर बॉलीवुड से किसी ने कंगना रनौत की आलोचना और आरोपों का जवाब दिया है तो वह उर्मिला मातोंडकर हैं. उर्मिला और कंगना के बीच कुछ समय तक ट्विटर (अब एक्स) वॉर चलती रही. हालांकि शिवसेना में शामिल होने के बाद उर्मिला मातोंडकर एक-दो आयोजनों को छोड़कर राजनीति से गायब हो गई हैं. राज्यपाल द्वारा नियुक्त विधान परिषद की 12 सीटों के लिए उर्मिला मातोंडकर के नाम की सिफारिश की गई थी. हालांकि, इन 12 सीटों पर अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है. उसके कारण, उर्मिला मातोंडकर को विधान परिषद का सदस्य बनने का अवसर नहीं मिला.