मुंबई : पिछले कुछ वर्षों से पूरे देश में तपेदिक (tuberculosis) उन्मूलन के प्रयास किए जा रहे हैं. मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने भी टीबी नियंत्रण के लिए विभिन्न पहल की हैं.
मुंबई नगर निगम प्रशासन ने दावा किया है कि इस पहल के कारण मुंबई में तपेदिक के मामलों में कमी आई है. क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है, और कुपोषण और खराब स्वच्छता इस विकार के फैलने में योगदान करते हैं. इस संबंध में नगर निगम प्रशासन ने कहा कि नगर पालिका का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग पिछले कुछ वर्षों से तपेदिक उन्मूलन के लिए काम कर रहा है.
यह विभाग मरीजों की जांच करता है और अत्याधुनिक उपचार पद्धतियों से उनका इलाज करता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोगियों की निरंतर निगरानी के कारण मुंबई में टीबी के मामलों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है. नगर पालिका ने इस संबंध में आंकड़े भी उपलब्ध कराए हैं, जिसके अनुसार 2020 के लिए दवा प्रतिरोधी टीबी की इलाज दर 72 प्रतिशत है, और 2021 में यह दर 7 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.
तपेदिक के नियंत्रण के लिए मुंबई नगर निगम के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई निरंतर विशेष पहल से मामलों की संख्या में कमी संभव हो पाई है. 2022 से 2023 के बीच मामलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आएगी.
इलाज के लिए बाहरी राज्यों के लोग आ रहे :जहां मुंबई में टीबी के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन कम हो रही है, वहीं इलाज के लिए मुंबई के बाहर से आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. नगर निगम के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी दक्षा शाह ने कहा कि वर्तमान में मुंबई में 42 सीबीएनईटी मशीनें, 10 ट्रूनेट मशीनें, 3 कल्चर और डीएसटी लैब जैसी अत्याधुनिक परीक्षण सुविधाएं हैं. दवा प्रतिरोधी उपचार 25 सार्वजनिक और 6 निजी केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है. मरीज चयनित निजी अस्पतालों और मुंबई नगर निगम के टीबी उन्मूलन अभियान में भाग लेने वाले चयनित निजी डॉक्टरों से भी मुफ्त टीबी उपचार प्राप्त कर सकेंगे.
नगर निगम मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के उपायों को प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है. उच्च जोखिम समूह के रोगियों का बीसीजी टीकाकरण और नगर पालिका के सभी 24 वार्डों में रोगी का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक एआई तकनीक का उपयोग किया जाएगा. नगर निगम का सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग मुंबई में तपेदिक उन्मूलन के लिए एक प्रभावी जन जागरूकता अभियान चला रहा है.