कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुख्य आरोपी संजय रॉय का साइको-एनालिसिस टेस्ट करने के लिए दिल्ली से सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लोब्रोरेटोरी (CFSL) की एक टीम कोलकाता भेजी है. यह टेस्ट सीबीआई आरोपी संजय रॉय की मानसिक स्थिति पता लगाने के लिए की जा रही है. इस टेस्ट के जरिए सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि कही आरोपी साइको-किलर तो नहीं है.
संजय रॉय पर कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार करने और उसकी बेरहमी से हत्या करने का आरोप है. रॉय को कोलकाता पुलिस ने महिला डॉक्टर के अर्ध-नग्न शव को अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाए जाने के एक दिन बाद गिरफ्तार किया था.
बलात्कार और हत्या मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किए जाने के बाद महज छह घंटे में उसकी गिरफ्तारी की गई. जानकारी के मुताबिक 33 वर्षीय संदिग्ध से शुक्रवार रात मामले में पूछताछ की गई थी.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार संजय रॉय ने पिछले कुछ साल में कुछ वरिष्ठ पुलिसकर्मियों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए, जिसके कारण उसका कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में ट्रांसफर हो गया और आरजी कर अस्पताल की पुलिस चौकी में उसकी नियुक्ति हो गई, जहां ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना हुई थी.
कौन है संजय रॉय?
रॉय ने 2019 में कोलकाता पुलिस के तहत आपदा प्रबंधन समूह के लिए स्वयंसेवा करना शुरू किया था. बाद में उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद वह कल्याण प्रकोष्ठ में चला गया. उसके नेटवर्क ने उसे कोलकाता पुलिस की चौथी बटालियन में आवास दिलाने में मदद की. इस आवास की बदौलत उसे आरजी कर अस्पताल में तैनात किया गया. रॉय अक्सर अस्पताल की पुलिस चौकी पर मौजूद रहते थे, जिससे उसे सभी विभागों में एक्सेस करना आसान हो गया.
जानकारी के मुताबिक संजय रॉय की कई शादियां असफल रहीं. रॉय ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि कथित तौर पर युवा डॉक्टर के साथ क्रूरता से कुछ घंटे पहले वह दो बार रेड-लाइट एरिया में गया था.
क्या है उसकी भूमिका और क्या मिल रहे थे उसके लाभ?
पुलिस कल्याण बोर्ड की केंद्रीय समिति में रॉय की भागीदारी का खुलासा हुआ है, जिसके कारण कुछ पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर की संभावना है. उसे पुलिस मोटरसाइकिल के निजी इस्तेमाल के लिए प्रतिदिन 5 लीटर मुफ्त ईंधन मिल रहा था. पुलिस स्टिकर वाली मोटरसाइकिल को सोमवार को जब्त कर लिया गया है. यह घटना पुलिस बल के भीतर नैतिकता और संसाधनों के दुरुपयोग के बारे में सवाल उठाती है.
संजय रॉय के खिलाफ आरोप
संजय रॉय पर जबरन वसूली, जबरदस्ती और महिलाओं को डराने-धमकाने सहित कई आरोपों की जांच की जा रही है. उसके पिछले आपराधिक रिकॉर्ड में 2022 में अपनी गर्भवती पत्नी पर हमला करना और एक महिला चिकित्सक के साथ अनुचित व्यवहार करना शामिल है.
हाल ही में उसके खिलाफ कई शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें एक महिला ने आरोप लगाया है कि रॉय पिछले तीन महीनों से लगातार फोन कॉल के जरिए उसे परेशान कर रहा है. रॉय पर पुलिस स्टेशन के तबादलों में हेराफेरी करने का भी संदेह है. उसके प्रभाव के कारण तला पुलिस स्टेशन और श्यामबाजार पुलिस चौकी से छह अधिकारियों को स्थानांतरित किया गया है.
रॉय पर आरोप है कि वह तत्काल चिकित्सा सहायता की मांग कर रहे परिवार के सदस्यों से पैसे लेकर मरीज को भर्ती करवाता था. इसके अलावा वह बेड और टेस्ट जैसी रियायती सेवाएं प्राप्त करने के लिए सिस्टम में हेरफेर करने में भी शामिल था. उस पर पैसे लेकर नर्सिंग होम में भर्ती कराने का झूठा वादा करना पैसे के बदले में नागरिक स्वयंसेवक या कानून प्रवर्तन भूमिकाओं के रूप में अवसर देने का वादा करके नौकरी चाहने वालों को धोखा देने के आरोप भी हैं.
यह भी पढ़ें- कोलकाता रेप-मर्डर : क्या है मामला, क्यों मचा हंगामा, अब तक क्या-क्या हुआ, जानें