श्रीनगर: हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्हें श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार को खुतबा देने से रोक दिया गया है. मीरवाइज के मुताबिक, वह 2 सितंबर 2024 से घर में नजरबंद हैं. हालांकि, इस पर न तो पुलिस और न ही श्रीनगर प्रशासन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी किया है.
शुक्रवार दोपहर को जारी एक प्रेस बयान में मीरवाइज ने अपनी जारी नजरबंदी की कड़ी निंदा की और इसे मनमाना और अलोकतांत्रिक बताया. मीरवाइज ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे बार-बार निशाना बनाया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है. यह 'सामान्य स्थिति' के दावों को झुठलाता है." उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से उन पर लगाए गए प्रतिबंधों की श्रृंखला में यह नवीनतम उदाहरण है.
धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोकने का आरोप
जामा मस्जिद में शुक्रवार को प्रवचन देने के लिए मशहूर इस प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक नेता ने अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोके जाने पर निराशा व्यक्त की. उन्होंने कहा, "सामान्य स्थिति के दावों के बावजूद, मुझे एक बार फिर जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने और अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोक दिया गया."