कवर्धा:भारत में 99 प्रतिशत विलुप्त हो चुके गिद्ध को बचाने के लिए गिद्धों की गणना शुरू की गई है. गिद्धों की गणना कर उनके अनुकूल वातावरण बनाने और उनके पसंदीदा चीजों को उनके इलाके में उपलब्ध कराने की ओर अब ध्यान दिया जा रहा है. ताकि देशभर में विलुप्त हो चुके गिद्ध पक्षी को बचाया जा सके. इसके लिए वल्चर कंजर्वेशन एसोसिएशन की टीम खास अभियान चला रही है. खास बात यह है कि गिद्धों की गणना की शुरुआत अचानकमार टाइगर रिजर्व से शुरू हुई है. अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र से लगे 500 किलोमीटर दायरे में आने वाले मध्यप्रदेश के 10 जिले और छत्तीसगढ़ के 5 जिलों में इसकी गणना की जाएगी.
कवर्धा में सर्वे का काम शुरू: मिली जानकारी के मुताबिक गिद्धों की गणना की शुरुआत 8 अप्रैल को अचानकमार टाइगर रिजर्व से की गई है, जो कि बिलासपुर, मुंगेली, कटघोरा वन मंडल के बाद अब कबीरधाम जिले में जणना का काम किया जा रहा है. इस बारे में अचानकमार टाइगर रिजर्व वल्चर कंजर्वेशन एसोसिएट अभिजीत शर्मा ने मीडिया को जानकारी दी कि, "कबीरधाम के वन मंडल अंतर्गत पूर्व में व्हाइट रम्प्ड वल्चर यानी कि बंगाल का गिद्ध पाए जाने की सूचना मिली थी. वर्तमान सर्वे में इजिप्शियन वल्चर यानी कि सफेद गिद्ध पाया गया है. इस लिहाज से उम्मीद है कि इस विलुप्त प्रजाति का गिद्ध इस क्षेत्र पाया जा सकता है. यही कारण है कि यहां सर्वे कराया जा रहा है."