देहरादून: कैलाश पर्वत का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है क्योंकि अब आपको कैलाश पर्वत का दर्शन करने के लिए सड़क मार्ग से लंबी थका देने वाली यात्रा और पैदल खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी पड़ेगी. उत्तराखंड का पर्यटन विभाग अब इस यात्रा को एमआई-17 हेलीकॉप्टर से कराने जा रहा है.
भगवान भोले के भक्त अब भारत से ही कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकते हैं. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने खाका भी तैयार कर लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि नवंबर महीने में एमआई-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश पर्वत के दर्शन कराए जाएंगे. एमआई-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश पर्वत के दर्शन करने के लिए एक श्रद्धालु की करीब 66 हजार रुपए खर्च करने होंगे.
लिपुलेख से होगे सीधे कैलाश पर्वत के दर्शन:उत्तराखंड पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, एमआई-17 हेलीकॉप्टर से कैलाश पर्वत की यात्रा पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से शुरू होगी. सबसे पहले पिथौरागढ़ से श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से 70 किलोमीटर दूर गूंजी ले जाया जाएगा. इसके बाद गूंजी से करीब 21 किलोमीटर दूर नाभीढांग प्राइवेट जीप से ले जाया जाएगा. इसके बाद नाभीढांग से सेना और आईटीबीपी की सुरक्षा में सेना की गाड़ियों से श्रद्धालुओं को लिपुलेख पास तक ले जाया जाएगा. लिपुलेख पास व्यू प्वाइंट से श्रद्धालुओं को कैलाश दर्शन कराया जाएगा.
चार दिन का होगा कैलाश दर्शन का टूर:पर्यटन विभाग की ओर से तैयार किए गए पैकेज के अनुसार-
- पहले दिन यात्रियों को हेलीकॉप्टर से गूंजी ले जाया जाएगा. गूंजी में यात्री रात्रि विश्राम करेंगे.
- दूसरे दिन श्रद्धालु प्राइवेट गाड़ी से आदि कैलाश दर्शन के लिए जाएंगे. वापसी भी उसी दिन होगी. दूसरे दिन भी यात्री रात्रि विश्राम गूंजी में ही करेंगे.
- तीसरे दिन श्रद्धालुओं को लिपुलेख पास व्यू प्वाइंट ले जाएगा, जहां से श्रद्धालु कैलाश दर्शन करेंगे. कैलाश दर्शन कर यात्री उस दिन गूंजी वापस आ जाएंगे.
- चौथे दिन श्रद्धालु एमआई-17 के जरिए गूंजी से वापस पिथौरागढ़ लौट जाएंगे.