नगरकुरनूल: तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन एसएलबीसी सुंरग का हिस्सा धंसने से उसमें फंसे इंजीनियरों और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान जारी है. वहीं, अब इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उत्तराखंड बचाव दल और रैट होल टीमें शामिल हो गई हैं.
इस अभियान में भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ, राज्य आपदा समूह, सिंगरेनी, केंद्र सरकार के सड़क विभाग, जेपी और नवयुग कंपनी और अन्य सुरंग विशेषज्ञ पहले से जुटे हुए हैं. एसएलबीसी सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद पिछले कई घंटों से आठ लोग अंदर फंसे हुए हैं.
सहायक दल अब तक सुरंग में सात बार निरीक्षण कर चुके हैं. उत्तराखंड आपदाओं में शामिल विशेष दल भी आज आया गया है. इस दल में करीब 584 विशेषज्ञ कर्मचारी शामिल हैं. इनके साथ 14 रैट होल टीमें भी सेवा में लगी हैं.
सुरंग में फंसे पीड़ित के परिजन का बयान (ETV Bharat) दोपहर में ड्रोन, एंडोस्कोपिक कैमरे और वॉकी-टाकी सिग्नल डिवाइस सुरंग में ले जाई गईं. बचाव दल को उम्मीद है कि टूटी हुई टीबीएम को बाहर निकाला जा सकेगा. हालांकि, यह कई चुनौतियों के कारण पूरा नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि पानी को निकालने में खतरा होने की संभावना है.
सुरंग का पता लगाने के लिए स्नाइपर डॉग भी लाए गए है. हालांकि, पानी की वजह से ये स्नाइपर डॉग अंदर नहीं जा पा रहे हैं. कन्वियर बेल्ट जो पहले से क्षतिग्रस्त थी, उसकी मरम्मत की गई और उम्मीद थी कि ऊपर से छेद करके अंदर जाया जाएगा. प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण वर्टिकल ड्रिलिंग का प्रस्ताव फिलहाल खारिज कर दिया गया. फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए 5 गैस कटिंग मिशन लगातार काम कर रहे हैं.
वहीं, दूसरी तरफ, फंसे हुए मजदूर अनुज साहू के भाई अरुण साहू मौके पर पहुंचे तो उन्हें यह जानकर झटका लगा कि उनका भाई सुरंग में फंसा हुआ है. उन्होंने बताया कि करीब ढाई साल से उनका भाई ड्यूटी कर रहा है.
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