कोटद्वार: उत्तराखंड में जिस तरह से अवैध नशे की तस्करी के मामले सामने आ रहे है, उसे देखकर तो यहीं लगता है कि उत्तराखंड अवैध नशे के गढ़ बनाता जा रहा है. प्रदेश में एक दिन के अंदर ही करीब 1.50 करोड़ रुपए की स्मैक, कोकीन और गांजा पकड़ा गया है.
कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि साल 2025 तक देवभूमि को अवैध नशे से मुक्त करना है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा के बाद उत्तराखंड पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स लगातार अवैध नशे के खिलाफ अभियान चला रही है, जिसका असर भी हो रहा है. लेकिन जिस तरह के प्रदेश में अवैश नशे की तस्करी के मामले में सामने आ रहे है, वो सोचने पर मजबूर कर रहा है कि कहीं अपना प्रदेश में उड़ता उत्तराखंड को नहीं बन रहा है.
95 लाख की स्मैक पकड़ी गई: दरअसल, सोमवार सात अक्टूबर को उत्तराखंड पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने तीन अलग-अलग मामलों में करीब 1.5 करोड़ रुपए की अवैध ड्रग्स पकड़ी है. पहला मामला हरिद्वार जिले के रुड़की से सामने आया था. रुड़की में पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स संयुक्त टीम ने 95 लाख रुपए की स्मैक के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वो यूपी के बरेली जिले से ये स्मैक खरीद कर लाए थे, जिसे वे रुड़की समेत आसपास के इलाके में सप्लाई करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें अरेस्ट कर लिया. पुलिस फिलहाल तीनों आरोपियों को आपराधिक इतिहास खंगाल कर स्मैक तस्करी के इस नेटवर्क की कमर तोड़ने का प्लान बना रही है.
50 लाख की कोकीन पकड़ी गई:रुड़की के अलावा देहरादून जिले में भी पुलिस को बड़ी कायमाबी मिली है. देहरादून पुलिस ने राजपुर थाना क्षेत्र से कोबरा गैंग के विदेशी पैडलर को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से करीब 50 लाख रुपए की कोकीन बरामद हुई है. इस गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी कामयाबी के रूप में देख रही है. क्योंकि आरोपी ने पुलिस पूछताछ में कई ऐसी जानकारी दी है, जिससे जरिए पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी अरेस्ट कर सकती है.
10 लाख का गांजा बरामद: वहीं, तीसरा मामला अल्मोड़ा जिले से सामने आया है. यहां पुलिस ने 41 किलो गांजे के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है. बरामद किए गए गांजे की कीमत करीब 10 लाख रुपए बताई जा रही है. आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह कार टैक्सी चलाता है. कार के लिए उसने बैंक से लोन लिया था. जिसकी किस्ते वो नहीं दे पा रहा था, इसीलिए वो गांजे की तस्करी करने लगा. इस गांजे को इकूखेत-सराईखेत से ला रहा था, जिसे रामनगर व काशीपुर क्षेत्र में बेचने के लिये ले जा रहा था.
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