देहरादून(उत्तराखंड): देश के कई राज्यों में जमीनों की धोखाधड़ी में सक्रिय बाबा अमरीक सिंह गिरोह के सक्रिय सदस्य को थाना राजपुर पुलिस ने सहारनपुर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी थाना राजपुर में 15 करोड़ की धोखाधड़ी में पंजीकृत मुकदमे में फरार था. साथ ही गिरोह के सदस्यों द्वारा अलग-अलग राज्यों में लोगों से अरबों की धोखाधड़ी की जा चुकी है. गिरोह के सदस्यों के खिलाफ उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में जमीन धोखाधड़ी के डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ में पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं.
स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन का झांसा: बता दें 21 मार्च 2024 को पीड़ित गोविन्द पुण्डीर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह प्रोपर्टी डीलिंग का काम करता है. अगस्त 2023 में अमजद अली जो पहले में जाखन में वेल्डिंग का कार्य करता था, उसने अदनान नाम के एक व्यक्ति के साथ उनके बड़े भाई उपेन्द्र थापली से मिलाया. उसने बताया बुढ़ादल समिति नादेड़, महाराष्ट्र के एक बहुत बड़े बाबा अमरीक सिंह स्कूल और आश्रम बनाने के लिए जमीन देख रहे हैं. खरीदने वाली जमीन की मिट्टी पहले बाबा को उपलब्ध करानी होगी. बाबा खरीदने वाली जमीन की मिट्टी चेक करते हैं. उसके बाद ही जमीन खरीदते हैं. पीड़ित ने अमजद अली के कहे अनुसार तीन जमीनों के मिट्टी उन्हें उपलब्ध करा दी. अगस्त 2023 के दूसरे सप्ताह में अमजद अली, अदनान के साथ दोबारा पीड़ित के पास आया. कहा जो मिट्टी उनके द्वारा दी गई थी, वह पास नहीं हुई है.
मोटा मुनाफा, साझेदार बनने की पेशकश: 18 सितंबर 2023 को अमजद अली, राम अग्रवाल, सचिन गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उर्फ बड़ा काणा, सुमित बंसल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान आदि सभी लोग पीड़ित के पास पुरकुल गांव, देहरादून पहुंचे. उन्होंने कहा कुछ किसान कनराल हरियाणा में अपनी जमीन बेच रहे हैं. जिसकी मिट्टी बाबा ने पास कर दी है. पीड़ित जमीन का बयाना कर लें. जिससे वे उसे आगे बाबा को बेच सके. सभी लोगों ने कहा बाबा की संस्था में कार्य करने के कारण वह जमीन की सीधी खरीद फरोख्त नहीं कर सकते. उन्होंने पीड़ित को अपने साथ साझेदार बनने, जमीन की खरीद फरोख्त में मोटा मुनाफा होने का लालच दिया. जिस पर पीड़ित ने विश्वास कर लिया. उसने अलग-2 समय पर उन्हें लगभग 15 करोड़ रुपये दिये. जब पीड़ित भूमि की रजिस्ट्री कराने करनाल हरियाणा पहुंचा तो भूमि के मालिक किरनपाल और उनके सहयोग सुखराम पाल ने उन्हें अपने भाई की तबिीत खराब होने ओर उसके आईसीयू में भर्ती होने की बात बताई. उसके बाद पीड़ित की मुलाकात बाबा अमरीक सिंह से हुई.