देहरादून (उत्तराखंड): विश्व पर्यटन दिवस 2024 के मौके पर उत्तराखंड के चार गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम (Best Tourism Village) के लिए पुरस्कृत किया गया. सभी गांवों के प्रतिनिधियों के साथ पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने यह पुरस्कार हासिल किया. यह समारोह नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया.
उत्तराखंड के इन चार गांवों को किया गया सम्मानित:उत्तरकाशी जिले के मोरी तहसील के जखोल गांव को साहसिक पर्यटन श्रेणी में पुरस्कृत किया गया. जबकि, बागेश्वर जिले के सूपी गांव को कृषि एवं पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार से नवाजा गया है. वहीं, पिथौरागढ़ जिले के गुंजी गांव और उत्तरकाशी जिले के हर्षिल को वाईब्रेट विलेज श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ ग्रामों के रूप में पुरस्कृत किया गया.
उत्तरकाशी के जखोल गांव को क्यों मिला पुरस्कार? उत्तरकाशी स्थित जखोल में स्थानीय युवकों की ओर से विभिन्न साहसिक गतिविधियां (ट्रेकिंग) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है. यहां से कई प्रसिद्ध ट्रेक जिनमें केदारकांठा ट्रेक, गंगोत्री ग्लेशियर ट्रेक आदि संचालित किए जाते हैं. ट्रेक के लिए वन विभाग और पर्यटन विभाग की ओर से बनाई नियमावलियों का ध्यान रखा जाता है.
इसके अलावा जखोल के पर्यटन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों की ओर से प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसके लिए एक वेस्ट कलेक्शन समिति का भी गठन किया गया है, जो सैलानियों और ग्रामीणों की मदद से ट्रेक मार्गों पर कचरा प्रबंधन का काम करती है.
बागेश्वर के सूपी गांव को पुरस्कार मिलने की वजह?बागेश्वर जिले के सूपी गांव को अपने कृषि संबंधी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सम्मानित किया गया. सूपी में 7 होम स्टे हैं, जिनमें सैलानियों के ठहरने की व्यवस्था की जाती है. सरयू नदी के किनारे बसे इस गांव में विभिन्न प्रकार की कृषि संबंधी गतिविधियों को पर्यटकों के साथ साझा कर एक नए प्रकार के पर्यटन व्यवसाय को सृजित किया गया है. पिछले कुछ समय में सूपी में विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी बढ़ा है. यह पर्यटक सूपी की वृहद सांस्कृतिक धरोहर से आकर्षित होकर यहां समय व्यतीत करते हैं.