देहरादून: उत्तराखंड में दुर्लभ उल्लू को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया है. धब्बेदार ईगल उल्लू को जब वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया, तब उसका एक पंख टूटा हुआ मिला था. जिसके बाद फौरन उल्लू को वन महकमे ने उपचार दिलवाया. इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर दी है.
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक्स पर कुछ फोटोग्राफ्स और वीडियो जारी करते हुए दुर्लभ उल्लू के रेस्क्यू की जानकारी दी है. इस दौरान उन्होंने लिखा एक दुर्लभ धब्बेदार ईगल उल्लू को उत्तराखंड सरकार के वन अधिकारियों ने घायल अवस्था में पाया. जिसके बाद पक्षी विशेषज्ञ रशिल शेरगिल और उनके मार्गदर्शन में इसकी देखभाल की जा रही है.
उत्तराखंड वन विभाग ने किया रेस्क्यू: जानकारी के अनुसार दुर्लभ प्रजाति के इस उल्लू का पंख टूट जाने के कारण यह ठीक से उड़ नहीं पा रहा था. ऐसे में वन विभाग को इसकी सूचना मिलने के बाद फौरन वन कर्मियों ने इसका रेस्क्यू किया. इसे प्राथमिक उपचार देकर इसकी देखभाल शुरू की गई. फिलहाल इस उल्लू की देखभाल केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह की देखरेख में की जा रही है. जिसकी जानकारी उन्होंने खुद दी है.
धब्बेदार ईगल उल्लू की बड़ी प्रजाति:बता दें उत्तराखंड में दीपावली के समय से ही उल्लूओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया था. इस दौरान इस पक्षी पर वन विभाग विशेष तौर से निगरानी भी रख रहा है. प्रदेश में उल्लू की कई तरह की प्रजाति मौजूद हैं. इसमें धब्बेदार ईगल उल्लू भी प्रदेश के विभिन्न वन्य क्षेत्र में देखे जाते रहे हैं. धब्बेदार ईगल उल्लू एक बड़ी प्रजाति है. यह उल्लू सामान्य रूप से आकर में बड़े होते हैं. इसके पंख भी काफी बड़े होते हैं, जो इसे ऊंची और तेज उड़ान के लिए मदद करते हैं. इस तरह के उल्लू पहाड़ी क्षेत्र और घने जंगलों में ही पाए जाते हैं. उनके पेट पर मौजूद धब्बों के कारण इन्हें धब्बेदार ईगल उल्लू भी कहा जाता है. खास बात यह है कि ये उल्लू इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन का नेचर की रेड लिस्ट में शामिल है.
धब्बेदार ईगल शक्तिशाली पक्षियों में शुभार:माना जा रहा है की उड़ान भरने के दौरान ही कहीं टकराने से ईगल उल्लू का पंख टूट गया, जिसके कारण यह घायल हो गया.धब्बेदार ईगल उल्लू शक्तिशाली शिकारी पक्षियों में शुमार है. पंख टूट जाने के कारण यह उल्लू ना तो शिकार कर पता ना ही ठीक से उड़ान भर पा रहा है. फिलहाल इसका उपचार किया जा रहा है. उल्लू की स्थिति अभी सामान्य बताई जा रही है.
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