देहरादून: भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समाज का मन टटोलने में नाकामयाब साबित हुई है. ये सब तब है जब पार्टी नेता इस बार अल्पसंख्यक समाज पर विशेष तौर से फोकस करते हुए उन्हें पार्टी से जोड़ने का प्रयास कर रहे थे. हैरत की बात यह है कि इस दौरान सदस्यता अभियान में केवल 3 प्रतिशत मुस्लिमों ने ही भाजपा का सदस्य बनना पसंद किया. बात सिर्फ मुस्लिम वर्ग तक ही नहीं है, राज्य में महिलाओं का रुझान भी बीजेपी में सदस्यता अभियान को लेकर कुछ खास उत्साहजनक नहीं दिखाई दिया. नतीजतन आधी आबादी को अभियान में आधा हिस्सा भी नहीं मिल पाया.
कुछ वर्ग से निराशा हाथ लगी: भारतीय जनता पार्टी खुद को भले ही सदस्यों के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती हो, लेकिन इस बार उत्तराखंड में सदस्यता अभियान के दौरान उसे कुछ वर्ग से निराशा हाथ लगी है. सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी का आंकड़ा यह जाहिर करता है कि अल्पसंख्यक समाज ने भाजपा से किनारा बनाया है. शायद यही कारण है कि कुल सदस्यता में पार्टी मुस्लिम समाज के केवल 03 प्रतिशत लोगों को ही खुद से जोड़ पाई है.
20 लाख सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य किया पूरा: यह स्थिति तब है जब भाजपा इस बार मुस्लिम समाज पर विशेष तौर पर फोकस करते हुए रिकॉर्ड सदस्यों की सहभागिता करने का दावा कर रही थी. हालांकि प्रदेश में भाजपा संगठन अपने 20 लाख सदस्यों को जोड़ने के लक्ष्य को पार करने की खुशी मना रहा है, लेकिन मुस्लिम समाज के मामले में पार्टी नेताओं के पास लीपापोती के अलावा कुछ नहीं है. इस मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि अल्पसंख्यक बहुत ज्यादा नहीं हैं. उसमें से भी तीन प्रतिशत उनके पास आए हैं.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का तर्क:भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्य में मुस्लिम समाज की जनसंख्या कम होने का दावा करते हुए सदस्यता अभियान में मुसलमानों की भागीदारी पर संतोष जता रहे हैं. हालांकि अगली ही लाइन में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के माध्यम से सदस्यों की संख्या बढ़ाने की बात कहकर वो खुद की ही बात को अप्रसांगिक भी साबित कर रहे हैं.
60 हजार मुस्लिम सदस्यों को ही जोड़ पाई बीजेपी: बहरहाल राज्य में मुस्लिम समाज की संख्या को लेकर गौर करें तो प्रदेश में मुस्लिम समाज की संख्या 25 लाख से अधिक हो चुकी है और यह कुल जनसंख्या में 20 प्रतिशत से ज्यादा की भागीदारी निभा रहे हैं. इस तरह सवा करोड़ की जनसंख्या वाले प्रदेश में भाजपा करीब 60 हजार मुस्लिम सदस्यों को ही जोड़ पाई है.
मुस्लिम नेता चिंता भी जता रहे: खास बात यह है कि पार्टी के मुस्लिम नेता भी प्रदेश में अल्पसंख्यक समाज को जोड़ने की कोशिश के प्रयास को असफल कह चुके हैं. राज्य में इन हालात पर भाजपा के ही मुस्लिम नेता चिंता भी जता रहे हैं. उत्तराखंड सरकार में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स कहते हैं कि प्रदेश में भाजपा का सदस्यता अभियान जिस तरह मुस्लिम समाज के लोगों को जोड़ने में कामयाब नहीं हुआ है, वो चिंताजनक है.