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संन्यासी योगी आदित्यनाथ मां से करते हैं बेहद प्यार, बीमार माता से एम्स में मिले तो जानें क्या हुई बात - Yogi Adityanath met his mother - YOGI ADITYANATH MET HIS MOTHER

Yogi Adityanath met his mother at AIIMS Rishikesh देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रसिद्धि दुनिया भर में है. कभी माफिया और बदमाशों के लिए बदनाम रहे उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को जिस तरह योगी आदित्यनाथ ने संभाला, उसकी हर जगह मिसाल दी जाती है. योगी आदित्यनाथ को देश-दुनिया का सबसे कड़क प्रशासक माना जाता है. योगी आदित्यनाथ की छवि विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी कठोर बने रहने की है. सालों पहले संन्यास धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ की मां जब बीमार होकर एम्स ऋषिकेश में भर्ती हुईं तो योगी का मन भी भावुक हो गया और वो मां से मिलने पहुंच गए.

Yogi Adityanath
योगी आदित्यनाथ मां से मिले (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 18, 2024, 12:31 PM IST

Updated : Jun 18, 2024, 5:02 PM IST

मां से मिलकर भावुक हुए योगी आदित्यनाथ. (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 जून रविवार को अचानक ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में पहुंचे. यहां पर उन्होंने रुद्रप्रयाग में घायल हुए लोगों का हाल-चाल जाना. बहुत कम लोगों को यह मालूम था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ऋषिकेश में अपनी मां का हाल जानने के लिए भी आए हैं.

योगी की मां एम्स ऋषिकेश में हैं भर्ती: दरअसल बीते 20 दिनों से योगी आदित्यनाथ की मां सावित्री देवी की तबीयत ठीक ना होने के चलते उन्हें ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया है. योगी आदित्यनाथ 1992 में जब अपने घर से गोरखपुर के लिए निकले, उसके बाद सालों तक ना तो अपने घर गए और ना ही उनकी कोई तस्वीर परिवार से मिलते जुलते हुए आई. साल 2019 के बाद देश ने पहली बार उनके परिवार को देखा और वो भी तब देखा, जब सीएम योगी सालों पुराने जिस घर की दहलीज को लांघकर संत बन गए थे.

मां से मिलने एम्स पहुंचे योगी: संत की वेशभूषा में वह लगभग 26 साल बाद अपने घर पहुंचे थे. पिता की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार में न पहुंचने का मलाल उनके कई भाषणों में सुनने को मिला है. लेकिन बुजुर्ग मां की तबीयत जैसे ही खराब हुई, वैसे ही योगी अपने आप को रोक नहीं पाए और ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में पहुंचकर अपनी मां से न केवल उन्होंने मुलाकात की बल्कि काफी देर तक बातचीत भी की. मां से मुलाकात के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जब तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की तो बस एक ही शब्द लिखा वह था "मां".

पीएम मोदी भी मां के बेहद करीब थे:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद दिल्ली में ही रहे. लेकिन जब-जब उन्हें मौका मिला, तब तक वह गुजरात जाकर अपनी मां से मिलकर उनका आशीर्वाद लेते रहे थे. कोई चुनाव जीता हो, या फिर गुजरात में उनका कोई भी कार्यक्रम कभी भी लगा, वह अपने घर जाकर मां से मिलना नहीं भूलते थे.

संन्यासी बनने के बाद जब परिवार से मिले योगी: साल 2019 के बाद देश ने पहली बार योगी आदित्यनाथ के परिवार और परिवार के साथ उनकी मुलाकात को देखा. संन्यास धारण करने के बाद योगी आदित्यनाथ साल 2017 में अपनी मां और पिता से एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान मिले थे. उनकी दूसरी मुलाकात तब हुई, जब उनके घर में एक पारिवारिक कार्यक्रम था. हालांकि बताया जाता है कि योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम अपने गुरु की प्रतिमा के अनावरण में आने का था. घर के पास हो रहे इस कार्यक्रम की रूपरेखा को देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने घर के कार्यक्रम में भी समय बिताने का मन बनाया. संन्यास धारण करने के बाद यह पहला मौका था, जब योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक गांव यमकेश्वर ब्लॉक के पेंचुर गांव में न केवल रात्रि विश्राम कर रहे थे, बल्कि पूरे परिवार के साथ घर के एक कार्यक्रम में शामिल भी हुए. योगी आदित्यनाथ को अपने पास देखकर परिवार वालों की खुशी का ठिकाना नहीं था.

योगी आदित्यनाथ परिचय. (ETV Bharat GFX)

योगी आदित्यनाथ ने गांव में बिताई थी रात:योगी आदित्यनाथ जब भी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करने आए, तब उनकी इच्छा यही रहती थी कि वह एक बार अपनी मां से जरूर मिलें. साल 2022 की मुलाकात इसलिए भी जरूरी हो गई थी, क्योंकि वह अपने पिता के देहांत के समय नहीं पहुंच पाए थे. इस बात का मलाल उन्हें हमेशा रहा है. यह बात इसलिए भी सार्वजनिक है क्योंकि कई बार मंचों पर भी उन्होंने इस बात को स्वीकारा है पिता के देहांत के बाद उनकी इच्छा यही थी कि वह अपनी मां के साथ थोड़ा समय बताएं. यही कारण है कि अपने गांव में पहुंचकर योगी आदित्यनाथ उस कमरे में रुके जहां पर उनका बचपन बीता. उनके साथ परिवार का दूसरा सदस्य भले ही हो या ना हो लेकिन मां पूरे समय साथ रही थीं.

मां की तबीयत खराब हुई तो खुद को रोक नहीं पाए योगी:साल 2022 के बाद योगी आदित्यनाथ की मुलाकात ना तो परिवार के सदस्यों से हुई और ना ही मां से हुई. लेकिन मां की तबीयत खराब होने की सूचना जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास पहुंची, उनसे रहा नहीं गया. यही कारण है कि वह सीधे ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में पहुंच गए. ऋषिकेश एम्स अस्पताल में पहुंचकर योगी आदित्यनाथ जब अपनी मां के पास बैठे, तो मां की खुशी का ठिकाना नहीं था. मां बेटा दोनों एक दूसरे से हंस-हंस कर बात कर रहे थे. योगी आदित्यनाथ को इस तरह से बहुत कम देखा जाता है. बातों ही बातों में योगी आदित्यनाथ के सामने जैसे ही उनकी मां हाथ जोड़ती हैं, वैसे ही योगी आदित्यनाथ उनका हाथ पकड़ कर नीचे कर देते हैं.

योगी आदित्यनाथ परिचय. (ETV Bharat GFX)

लगभग आधे घंटे तक उनका हाथ हाथ में लेकर उनसे बात करते रहते हैं. इस दौरान कई बार दोनों को मुस्कुराते हुए देखा गया. मानो अपने बेटे योगी आदित्यनाथ को देखकर मां अपनी सारी बीमारी भूल गई हों. शायद योगी आदित्यनाथ भी यह बात जानते थे कि बीमारी में बुजुर्ग मां से अगर वह मिलेंगे, तो न केवल मां को खुशी होगी, बल्कि रिकवरी भी वह बेहतर तरीके से करेंगी.

त्रिवेंद्र रावत रहे दोनों मुलाकातों में साथ:साल 2022 की मुलाकात के दौरान और रविवार को हुई हुई योगी आदित्यनाथ और उनकी मां की मुलाकात के गवाह त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत दोनों बने. त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि योगी आदित्यनाथ जब अपनी मां से बात कर रहे थे, तो लग ही नहीं रहा था कि वो देश के सबसे बड़े सूबे के मुख्यमंत्री हैं. दोनों के बीच क्या बात हो रही थी, क्या नहीं यह तो हमें नहीं मालूम, लेकिन योगी आदित्यनाथ और उनकी मां दोनों बेहद अच्छे मूड में दिखाई दे रहे थे. अपने बेटे से मिलने के बाद उनके मन में भी मानो एक अलग ही ऊर्जा आ गई थी. काफी देर तक बातचीत चली और मैंने वहां पर उन्हें एक बालक के रूप में ही देखा, जो अपनी मां से बड़े लाड़ और प्यार के साथ बात कर रहे थे. मैं उस पल भी उनके पैतृक गांव में मौजूद था, जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गांव में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए थे. तब भी उनके आने के बाद पूरे घर का माहौल बेहद बदला हुआ था. खास बात यह है कि गांव के रीति रिवाज और वहां की व्यवस्था बिल्कुल सामान्य थी. इन सामान्य परिस्थितियों में योगी आदित्यनाथ ने पूरा समय बिताया.

योगी आदित्यनाथ परिचय. (ETV Bharat GFX)

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष बोले बीमार हो मां तो भला कौन सा बेटा रुकेगा:अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी कहते हैं योगी आदित्यनाथ ने जब से संन्यास धारण किया है, तब से उनके कामकाज उनका रहन-सहन और उनकी पूजा पद्धति के बारे में हर कोई जानता है. यह बात सही है कि उन्होंने संन्यास धारण करने के बाद कभी भी अपने परिवार को नहीं देखा. यह एक संत के अंदर प्रवृत्ति आ जाती है. लेकिन संत भी किसी का बालक होता है और यह बात योगी आदित्यनाथ और उनकी मां की मुलाकात देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है. रविंद्र पुरी कहते हैं कि मां की तबीयत खराब हुई तो योगी आदित्यनाथ अपने आप को रोक नहीं पाए. वैसे तो पूरा देश और पूरा उत्तर प्रदेश उनका परिवार है. लेकिन जिस मां ने उनको जन्म दिया, वह अगर पीड़ा में है, परेशानी में है, तो वह मिलने आए.

मिलने के बाद मुस्कुराते हुए दोनों के बीच बातचीत हुई. जैसा कि हमने तस्वीरों में भी देखा. रवींद्र पुरी कहते हैं कि तमाम राजनेताओं को और आम जनमानस को भी यह देखना होगा कि योगी आदित्यनाथ जैसा व्यक्ति जो इतने बड़े सूबे का मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी अपने परिवार को कोई सुख सुविधा नहीं देता. यही एक संत की इच्छा शक्ति है और प्रवृत्ति होती है. रवींद्र पुरी योगी आदित्यनाथ और उनकी मां की मुलाकात को बेहद खूबसूरत बताते हैं.

कौन हैं योगी के परिवार में और कैसे बन गए संन्यासी:आपको बता दें योगी आदित्यनाथ की एक बड़ी बहन भी हैं, जिसका नाम शशि है. शशि अमूमन कई बार मीडिया में आ चुकी हैं. लोग उन्हें अच्छी तरह से जानते हैं कि वह योगी आदित्यनाथ की बहन हैं. आज भी वह ऋषिकेश के यमकेश्वर ब्लॉक के एक मंदिर के प्रांगण में ही चाय की दुकान चलाती हैं. साल 2017 में एक इंटरव्यू के दौरान उनकी बहन ने कहा था कि वह लगभग 20 साल से अपने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांध पाई हैं. योगी आदित्यनाथ भले ही अपने घर और अपने परिवार से दूर हैं, लेकिन वह अपनी मां को याद हमेशा करते हैं.

योगी आदित्यनाथ परिचय. (ETV Bharat GFX)

योगी आदित्यनाथ आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पर पहुंचने से पहले वह एक लंबा समय उत्तराखंड में बिता चुके हैं. 1972 में पैदा हुए योगी आदित्यनाथ ने अपनी पढ़ाई उत्तराखंड से ही की है. 1977 में उनकी शिक्षा शुरू हुई और इसके बाद 1987 में उन्होंने दसवीं भी यहीं से पास किया. इसके बाद वह पढ़ने के लिए 1989 में ऋषिकेश के भारत मंदिर आ गए थे. इसके बाद उन्होंने यहीं पर रहकर अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की. बीएसई की पढ़ाई उन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से की. इसके बाद वह कुछ समय कोटद्वार रहने चले गए.

अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्होंने गोरखपुर का रुख किया. उस वक्त राम मंदिर आंदोलन और अपने गुरु की आज्ञा को मानते हुए उन्होंने 1994 में पूर्ण रूप से संन्यास धारण कर लिया. इसके बाद ही अजय बिष्ट से वह योगी आदित्यनाथ बन गए. बीते 5 सालों में योगी आदित्यनाथ ने कई बार अपने परिवार का जिक्र किया. परिवार से मिलने के लिए भी आए. पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद शायद ही उनके परिवार को किसी ने याद किया हो या फिर बड़े मंच पर खुद योगी आदित्यनाथ ने इस बात का जिक्र किया हो, लेकिन अब वह कई बार न केवल खुद अपनी मां को याद करते हैं, बल्कि उनका परिवार भी उनकी खुशी में दूर से ही सही हमेशा खड़ा रहता है.
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Last Updated : Jun 18, 2024, 5:02 PM IST

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