नो कोचिंग, सोशल मीडिया से दूरी और UPSC में गाड़ दिया झंडा चरखी दादरी :हरियाणा के चरखी दादरी के रहने वाले तरुण पाहवा ने यूपीएससी परीक्षा में एक नहीं, दो नहीं बल्कि चौथी कोशिश में कामयाबी हासिल की है. ये बात मिसाल है उन लोगों के लिए जो किसी चीज़ को हासिल करने के लिए एक या दो बार कोशिश करते हैं और फिर थक-हारकर उसे छोड़ देते हैं. लेकिन तरुण पाहवा को यकीन था कि वे निश्चित तौर पर यूपीएससी को क्लियर जरूर करेंगे और आज आखिरकार वो दिन आया और उन्होंने देश भर में यूपीएससी में 231वीं रैंक हासिल की है.
तीन साल की मेहनत के बाद हासिल किया मुकाम
27 वर्षीय तरुण पाहवा को आईपीएस कैडर मिलने की उम्मीद है. तरुण ने लगातार तीन साल की मेहनत के बाद ये मुकाम हासिल किया है और उनके घर में बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. तरूण ने बिना कोचिंग के घर बैठकर यूपीएससी की तैयारी की और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी जिसके बाद आज उन्हें ये सफलता मिली है. बेटे की उपलब्धि पर परिजनों ने मिठाइयां बांटकर जमकर खुशियां मनाई.
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कोचिंग नहीं ली, सोशल मीडिया से बनाए रखी दूरी
आपको बता दें कि तरूण पाहवा ने रोहतक पीजीआई से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और सिविल सर्विस में जाने का फैसला लेते हुए घर पर ही तैयारियां शुरू कर दी. तरूण के पिता ललित और मां संतोष देवी रिटायर्ड शिक्षक हैं और उनसे ही प्रेरणा लेते हुए मेडिकल की बजाए सिविल सर्विस में जनसेवा करने का फैसला लिया. तरुण पाहवा ने बताया कि एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी थी. चौथी कोशिश में सफलता मिलने पर उन्हें दिल का सुकून मिला है. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रतिदिन सात से आठ घंटे दो शिफ्ट में उन्होंने पढ़ाई की. कंटेंट हासिल करने के लिए उन्होंने यूट्यूब की मदद ली लेकिन फेसबुक, इंस्टाग्राम से दूरी बनाए रखी.
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