हरिद्वार/देहरादूनःश्रावण मास में हरिद्वार, ऋषिकेश और शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ लगती है. हरिद्वार में 22 जुलाई से 28 जुलाई यानी 7 दिनों में एक करोड़ 20 लाख से अधिक श्रद्धालु कांवड़ यात्रा में पहुंच चुके हैं. अनुमान जताया जा रहा है कि आज 29 जुलाई की शाम तक ये आंकड़ा लगभग पौने दो करोड़ तक पहुंच जाएगा. प्रशासन को उम्मीद है कि 2 अगस्त शिवरात्रि तक ये आंकड़ा 3 करोड़ से अधिक होगा. हालांकि, इन शिव भक्तों के भेष में कुछ ऐसे भी अराजक तत्व हैं जो पुलिस और स्थानीय लोगों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं.
बढ़ती भीड़ और हंगामा:कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तमाम बड़े पुलिस अधिकारी संयुक्त रूप से बैठक कर सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर प्लान तैयार करते हैं. लेकिन बावजूद इसके भारी भीड़ के आगे सारी व्यवस्था धरी की धरी रह जाती है. हर साल करोड़ों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं. लेकिन उनके बीच कुछ शरारती तत्व गाड़ियों में तोड़फोड़, लोगों से मारपीट और शिव भक्ति के नाम पर श्रद्धालु से मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं.
ई-रिक्शा से टक्कर के बाद कांवड़ियों ने की तोड़फोड़ (PHOTO- ETV Bharat) हंगामे से हुई शुरुआत: सावन की शुरुआत भले ही 22 जुलाई से हुई हो लेकिन कांवड़ियों के हंगामा की शुरुआत 18 जून से हो गई थी. घटना के मुताबिक, गंगाजल लेने के बाद हरिद्वार के हाईवे पर कुछ कांवड़ियों की पुलिस जवानों से नोकझोंक हो गई थी. मामला इतना बढ़ा कि पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था. लाठीचार्ज में चोटिल कांवड़ियों ने अपने साथियों को गाजियाबाद से बुलाकर हरिद्वार में हंगामा किया. इस हंगामे के कारण पुलिस के तमाम अधिकारियों को रात भर कांवड़ियों को समझाना पड़ा. जिसके बाद अपनी शर्तों पर कांवड़ियों ने पुलिस से अपनी बात मनवाई और फिर कांवड़ लेकर अपने शिवालयों के लिए रवाना हुए.
दुकानदारों के चक्कर में पुलिस से उलझे कांवड़िए:23 जुलाई को ही हरिद्वार के कनखल थाना क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर पुलिस दुकानों को हटा रही थी. तभी कांवड़ियों का एक दल पुलिस की कार्रवाई का विरोध करने लगा. कांवड़ियों का दल दुकानदारों के समर्थन में आकर नारेबाजी करने लगा. इसके बाद पुलिस को अपनी कार्रवाई रोकनी पड़ी. इस मामले में पुलिस ने सरकारी कामों में बाधा डालने के खिलाफ कनखल थाना क्षेत्र में 25 महिलाओं और 12 पुरुषों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
कांवड़ियों ने कांवड़ खंडित होने का इल्जाम लगाकर चालक को भी पीटा. (PHOTO- ETV Bharat) ट्रक में तोड़फोड़, ड्राइवर को पीटा:24 जुलाई को हरिद्वार में ही एक ट्रक पर सवार कांवड़ियों की गाड़ी दूसरे ट्रक से मामूली तौर पर टकरा गई. इस विवाद के बाद हंगामा इतना बढ़ा कि कांवड़ियों ने ट्रक ड्राइवर के साथ न केवल मारपीट की बल्कि उसके ट्रक में भी तोड़फोड़ कर दी. हरिद्वार के बहादराबाद थाना क्षेत्र में घटी इस घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह शिव भक्तों को शांत कराया और आगे के लिए रवाना किया. इसके बाद 25 जुलाई को बहादराबाद थाने क्षेत्र के टोल प्लाजा पर ड्यूटी दे रहे दारोगा पर कुछ कांवड़ियों ने डीजे को लेकर हमला कर दिया था. इस हमले में दारोगा सुधांशु कौशिक बाल-बाल बचे थे. इस मामले पर अज्ञात कांवड़ियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया है.
आम लोगों के साथ मारपीट:बहादराबाद थाना क्षेत्र में ही एक और घटना तब घटी जब मेरठ से आए कुछ कांवड़ियों ने बाइक पर सवार एक युवक को टक्कर मारी और टक्कर मारने के बाद युवक की ही पिटाई कर दी. कांवड़ियों की मारपीट से युवक अधमरा हो गया. घटना बहादराबाद के धनौरी रोड की थी. हालांकि बाद में पुलिस ने किसी तरह से युवक को कांवड़ियों से बचाया और उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया.
मामूली टक्कर के कांवड़ियों ने की वाहन में तोड़फोड़ (PHOTO- ETV Bharat) ई-रिक्शा चालक की पिटाई:हरिद्वार के ही मंगलौर थाना क्षेत्र में ई-रिक्शा कुछ कांवड़ियों से टकरा गई. इसके बाद कांवड़ियों ने हंगामा करते हुए पहले तो रिक्शा चालक को जमकर पीटा और फिर ई-रिक्शा पर तोड़फोड़ कर दी. इस दौरान पुलिस के जवान भी मौके पर मौजूद रहे. हालांकि, भीड़ इतनी थी कि पुलिस भी तमाशा देखने के अलावा कुछ नहीं कर सकी थी. इस मामले में पुलिस ने वीडियो के आधार पर लगभग 10 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
सीओ को मारी टक्कर, चोटिल: 28 जुलाई की रात को उत्पात मचा रहे और तेजी से गाड़ी चला रहे कांवड़ियों ने हरिद्वार में ड्यूटी कर रहे सीओ शांतनु पाराशर को टक्कर मार दी थी. इस घटना में उनके पैर की हड्डी टूट गई. जबकि रीढ़ की हड्डी पर भी चोट आई. इसके बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया. हरिद्वार शहर में कई कांवड़िए 70 से 100 किलोमीटर की रफ्तार से वाहन दौड़ा रहे हैं. बाइकों का शोर भी लोगों के लिए मुसीबत बन गया है. लगभग 20 अलग-अलग घटनाओं में कांवड़िए भी घायल हुए हैं. हर साल ही कांवड़ियों के तेज रफ्तार वाहनों के कारण कई अन्य कांवड़िए और स्थानीय लोग हादसे का शिकार होते हैं.
18 जून को हुई थी कांवड़ियों से संबंधित पहली घटना. (PHOTO- ETV Bharat) गंगा में लगा रहे 'मौत' की छलांग: हरिद्वार में ड्यूटी कर रही पुलिस इन कांवड़ियों को सुरक्षा के तहत उनके गांव, शहर और शिवालय तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है. लेकिन कुछ कांवड़िया हरिद्वार की न केवल सड़कों पर बल्कि गंगा नदी में भी पुलिस के लिए आफत बन रहे है. ऊंची-ऊंची इमारत, पुलों और खतरनाक जगहों से यह कांवड़िए न केवल गंगा में छलांग लगा रहे हैं. बल्कि गहरे पानी में अपनी जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं. पुलिस ने अब तक ऐसे ही 50 शिव भक्तों का रेस्क्यू किया है.
स्वागत है लेकिन चेतावनी भी:हरिद्वार में चल रहे कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक रखी है. उत्तराखंड डीजीपी अभिनव कुमार की मानें तो सभी शिव भक्तों से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि उनके स्वागत में पुलिस चप्पे चप्पे पर व्यवस्था को बनाने में लगी हुई है. लेकिन बाहर से आने वाले शिव भक्तों से भी अपील की जा रही है कि वह धार्मिक यात्रा की मर्यादा को बना कर रखें. इतना ही नहीं, उत्पात मचाने वालों के खिलाफ डीजीपी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दे रहे हैं.
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