लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अल कायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (भारतीय उपमहाद्वीप) के 11 कथित आतंकियों को डिफॉल्ट जमानत दे दी. कोर्ट ने उन्हें रिहा करने के आदेश दिए. आरोपियों पर जमात उल मुजहीदुद्दीन संगठन के साथ कनेक्शन के भी आरोप हैं. सभी को साल 2022 में अगस्त से सितंबर के बीच गिरफ्तार किया गया था. एटीएस मामले में आरोपियों के खिलाफ समय से चार्जशीट नहीं दाखिल पर पाई. कोर्ट ने इसी आधार पर उन्हें डिफॉल्ट जमानत दे दी.
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने आरोपियों की ओर से दाखिल अपीलों पर पारित किया. आरोपियों ने एनआईए कोर्ट द्वारा डिफॉल्ट जमानत की याचिकाएं खारिज करने संबंधी आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि एनआईए कोर्ट ने बिना सुनवाई का अवसर दिए विवेचना की समय अवधि बढ़ाने संबंधी जांच एजेंसी की प्रार्थना पत्र को मंजूर कर लिया.
कहा गया कि जांच एजेंसी 90 दिन की अधिकतम समय सीमा समाप्त होने के बावजूद आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल करने में असफल रही. अपीलों का राज्य सरकार के अधिवक्ता द्वारा विरोध करते हुए कहा गया कि मामले में आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं. लिहाजा इस स्टेज पर डिफॉल्ट जमानत नहीं दी जा सकती.