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कोटा में NEET की तैयारी करने वाले छात्र ने फिर लगाया मौत को गले, पीजी में नहीं लगी थी एंटी हैंगिंग डिवाइस

कोटा में एक और कोचिंग छात्र ने आत्महत्या कर ली. छात्र उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और नीट की तैयारी कर रहा था.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

Updated : 37 minutes ago

कोचिंग छात्र ने किया सुसाइड
कोचिंग छात्र ने किया सुसाइड (ETV Bharat Kota)

कोटा :दादाबाड़ी थाना इलाके में एक और कोचिंग छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया है. छात्र उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर का निवासी था और वह कोटा में मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था. वह दादाबाड़ी शास्त्री नगर स्थित एक मकान में रहता था, जहां पर उसने सुसाइड किया है. जानकारी मिलने के बाद दादाबाड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छात्र के शव को कब्जे में लिया और एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया. फिलहाल छात्र की आत्महत्या के कारण का खुलासा नहीं हुआ है. यह इस साल का 13वां आत्महत्या का मामला है.

मृतक छात्र उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अतीकपुर निवासी 20 वर्षीय आशुतोष पुत्र भुवनेश्वर चौरसिया है. वह कोटा के कोचिंग संस्थान से मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा था. आत्महत्या के संबंध में उसके परिजनों को सूचना दे दी है. परिजन गुरुवार दोपहर तक कोटा पहुंच जाएंगे. उनके आने के बाद ही पोस्टमार्टम की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल सुसाइड क्यों किया, यह कह पाना मुश्किल है. पुलिस ने कमरे को सीज कर दिया है. : नरेश कुमार मीणा, दादाबाड़ी थाना अधिकारी

पढ़ें.7 दिन पहले कोटा में नीट की तैयारी करने आए UP के छात्र ने की खुदकुशी, इस साल का 12वां मामला

बहन बुलाने गई तब चला घटनाक्रम का पता :सीआई नरेश कुमार मीणा का कहना है कि आशुतोष जिस मकान में किराए से रह रहा था, उसी मकान में उसकी बुआ की लड़की भी रहती थी. बुधवार रात को 8:30 बजे उसे खाने के लिए बुलाने गई, तब उसे पूरे घटनाक्रम का पता चला. इसके बाद उसने पीजी मालिक को इन्फॉर्म किया. बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंची. दूसरी तरफ इस मामले में सामने आया है कि छात्र तीसरी बार नीट यूजी की परीक्षा की तैयारी कर रहा था. वह बीते साल 2023 में भी कोटा से रहकर तैयारी कर रहा था. इस साल भी वह चार-पांच महीने पहले ही कोटा आया था.

नहीं थी पीजी में एंटी हैंगिंग डिवाइस :जिस पीजी में छात्र आशुतोष रहता था, उसमें सुसाइड प्रिवेंशन रॉड (एंटी हैंगिंग डिवाइस) नहीं थी, जबकि जिला प्रशासन ने सभी हॉस्टल्स और पीजी संचालकों को यह लगाने के निर्देश दिए हुए हैं. प्रशासन ने यह भी दावा किया था कि वह हर एरिया का सर्वे करवाएंगे. हर पीजी व हॉस्टल की जांच भी करवाई जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है.

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