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पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली को बड़ी राहत, बॉम्बे हाईकोर्ट ने समय पूर्व रिहा करने का दिया निर्देश - Arun Gawli Release

Arun Gawli Release: महाराष्ट्र सरकार ने साल 2006 में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को 14 साल की कैद पूरी करने के बाद रिहा किया जा सकता है, अगर उनकी उम्र 65 साल से अधिक है. गवली की उम्र सरकार द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप है.

Arun Gawli Release
अरुण गवली

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 6, 2024, 11:02 PM IST

नागपुर:मुंबई के पूर्व अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंदेकर की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 69 वर्षीय अरुण गवली को समय पूर्व जेल से रिहा करने का निर्देश दिया है. पीठ ने जेल प्रशासन और गृह विभाग को इस संबंध में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है.

2006 के सरकारी फैसले के आधार पर गवली को बरी करने की मांग वाली याचिका पर नागपुर बेंच में सुनवाई पूरी हो गई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अरुण गवली को रिहा करने का निर्देश दिया है.

जामसांडेकर हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काटने के बाद कुख्यात अपराधी अरुण गवली ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और बाकी सजा कम करने की अपील की थी. अरुण गवली ने उम्र की शर्त पूरी करने के आधार पर जल्द रिहाई के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी और 2006 के एक सरकारी निर्णय के आधार पर समय पूर्व रिहाई का पात्र बताया था.

अरुण गवली पर हत्या का आरोप
2 मार्च 2007 को मुंबई में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसंदेकर की हत्या कर दी गई थी. जामसंदेकर को रात में गोली मारी गई जब वह घर पर थे. बाद में पुलिस ने गवली को कमलाकर जामसंदेकर हत्याकांड में गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में बंद हैं.

क्या है 2006 में जारी महाराष्ट्र सरकार की सर्कुलर
महाराष्ट्र सरकार ने साल 2006 में एक सर्कुलर जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कैदियों को 14 साल की कैद पूरी करने के बाद रिहा किया जा सकता है, अगर उनकी उम्र 65 साल से अधिक है. गवली का जन्म 1955 में हुआ था. उसकी उम्र सरकार द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप है.

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